विश्व भर( world) में हर साल 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसका मकसद लोगों साथ इसमें हो रहे बदलावों के बारे में जानकारी दें और जागरूक करना है। विश्व मौसम विज्ञान दिवस ( vigyan diwas) ऐसे में इससे जुड़ी हर एक जानकारी हमें रहना चाहिए।
आपको बता दें कि मौसम के मूड को भांपने और उसके पॉजिटिव-निगेटिव( positive – negative) असर को जानने के मकसद से साल 1950 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन की स्थापना की गई थी। इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विटजरलैंड ( Switzerland)में है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन में कुल 191 सदस्य देश एवं क्षेत्र हैं। इस संगठन का इस्तेमाल बाढ़, सूखा और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है।
2022 की थीम ( theme)
हर साल इस दिवस को किसी एक महत्वपूर्ण थीम के तहत मनाया जाता है, इस साल यानी 2022 की थीम है, ‘प्रारंभिक चेतावनी और प्रारंभिक कार्यवाही’ यह है। इस थीम ( theme)के तहत इस पूरे साल यह दिवस मनाया जाएगा।
ऐसे मनाया जाता है दिन ( celebrate)
विश्व मौसम विज्ञान दिवस के दिन स्कूल, कॉलेज, ऑफिसेज़ में कई प्रकार की डिबेट, आर्ट कॉम्पिटिशन( competition) का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें बच्चों से लेकर वैज्ञानिक तक मिलकर अपने विचार एक-दूसरे के सामने रखते हैं।
दोनों मशीनें इंस्टाल( install)
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दृष्टि और सीडब्ल्यूआइएस नाम से यह खास उपकरण लालपुर ( lalpur)मौसम विज्ञान केंद्र को भेजा। इसके बाद मौसम केंद्र से ये दोनों मशीने रायपुर विमानतल में रखी हुई है । लालपुर मौसम विज्ञान( IMD) केंद्र के मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया कि नया एटीसी टावर शुरू होते ही दोनों मशीनें इंस्टाल हो जाएगी और काम करना शुरू कर देगी।
