WHITE HOUSE FIRING : Terrorist attack outside the White House in America…
नई दिल्ली। वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस से कुछ ही दूरी पर बुधवार दोपहर दो नेशनल गार्ड सैनिकों पर गोलीबारी की गई, जिसमें दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने “आतंकी हमला” और “मानवता के खिलाफ अपराध” करार दिया है। ट्रंप प्रशासन ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए राजधानी में अतिरिक्त सुरक्षा तैनात कर दी है।
हमलावर पर अफगान मूल का होने का शक
ट्रंप ने दावा किया कि इस वारदात का संदिग्ध 2021 में अफगानिस्तान से उन शरणार्थियों में शामिल था जिन्हें बाइडेन प्रशासन एयरलिफ्ट करके अमेरिका लाया था। उन्होंने अफगानिस्तान को “नरक का गड्ढा” बताते हुए कहा कि यह हमला बाइडेन सरकार की “खतरनाक नीतियों” का नतीजा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक संदिग्ध की पहचान 29 वर्षीय रहमानुल्ला लकनवाल के रूप में की जा रही है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
500 अतिरिक्त सैनिक तैनात, कुल 2200 जवानों की निगरानी
हमले के बाद ट्रंप ने 500 और नेशनल गार्ड जवानों को तुरंत वाशिंगटन भेजने का आदेश दिया है। रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के अनुसार राजधानी में अब लगभग 2,200 जवान सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं।
एफबीआई और शहर प्रशासन ने बताया टारगेटेड अटैक
एफबीआई निदेशक काश पटेल और वाशिंगटन डीसी की मेयर म्यूरियल बोसेर ने इसे एक “टारगेटेड हमला” बताया। दोनों घायल सैनिकों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बाइडेन पर ट्रंप का आरोप
ट्रंप ने कहा कि 2021 में अफगानिस्तान से लाए गए सभी शरणार्थियों की दोबारा जांच की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि बाइडेन प्रशासन ने “बिना जांच विदेशियों को न आने दिया होता” तो ऐसी घटना टाली जा सकती थी।
जांच एजेंसियां हमलावर की मंशा, पृष्ठभूमि और संभवित आतंकी लिंक की पड़ताल कर रही हैं। मामले ने अमेरिका में सुरक्षा और शरणार्थी नीति को लेकर फिर से राजनीतिक बहस तेज कर दी है।
