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Udit Narayan: कोर्ट में पेश हुए बॉलीवुड के मशहूर सिंगर उदित नारायण, जानिए क्या है मामला

Udit Narayan: सुपौल/सहरसा। प्रसिद्ध बॉलीवुड गायक उदित नारायण (Udit Narayan) शुक्रवार को परिवार न्यायालय सुपौल में पेशी हुए। उदित नारायण के खिलाफ इनकी पहली पत्नी रंजना झा ने उक्त कोर्ट में एक मामला दर्ज करवा रखा है। दर्ज मामले की सुनवाई को लेकर कोर्ट द्वारा सम भी जारी किया गया था। पहली बार उदित नारायण इस मामले में कोर्ट में पेश हुए हैं। बता दें कि उदित नारायण की पहली पत्नी रंजना झा ने पत्नी का दर्जा दिए जाने व मेंटेनेंस को लेकर मामला दर्ज कराया है।

रंजना झा ने वकील ने क्या बताया?

Udit Narayan: इस मामले में रंजना के वकील अजय कुमार ने बताया कि रंजना की शादी 1984 में उदित नारायण से हुई थी। बाद के दिनों में उदित नारायण ने पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी कर ली और उन्होंने इनकी देखभाल करनी भी छोड़ दी। इसके अलावा, रंजना झा को अपनी पत्नी मानने से इनकार कर दिया।
इसी विवाद के चलते रंजना ने अपने पति उदित नारायण के विरुद्ध 2022 में मेंटेनेंस, पत्नी का दर्जा दिए जाने और संपत्ति व पैसे की मांग को लेकर कोर्ट में केस दर्ज कराया था।

कोर्ट ने की रंजना और उदित की काउंसलिंग

Udit Narayan: इधर, जब शुक्रवार को उदित नारायण पहली बार इस वाद में पेश हुए तो कोर्ट ने दोनों पक्षों को सामने रखकर काउंसलिंग की और उनकी दलीलें सुनीं। रंजना के वकील ने आगे बताया कि उदित नारायण किसी भी तरह का समझौते किए जाने से मुकर गए और उन्होंने कोर्ट से आगे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने की इच्छा जताई। इसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए सुनवाई को लेकर अगली तारीख दे दी। हालांकि, पेशी के बाद उदित नारायण मीडिया से बचते नजर आए और अपनी गाड़ी से निकल गए।

कोर्ट में पेशी से पहले सहरसा में थे उदित नारायण

Udit Narayan: उदित नारायण झा ने गायत्री शक्तिपीठ सहरसा में गुरुवार को रात्रि विश्राम किया। शुक्रवार को प्रगेश्वर महादेव का अभिषेक किया और मां गायत्री की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा की। गायत्री शक्ति पीठ के ट्रस्टी डॉ. अरुण जायसवाल के नया बाजार, सहरसा स्थित आवास पर नाश्ता और भोजन किया।
उन्होंने कहा कि जब मेरा जन्म हुआ था तो बायसी, सहरसा जिले के अंतर्गत आता था। 1991 में बायसी, सुपौल जिले का हिस्सा हो गया। सहरसा जिले की मिट्टी की खुशबू हमें बहुत ही भाव विभोर कर देती है। हम बहुत आह्लादित हैं। बहुत दिनों बाद सहरसा की धरती पर आना मेरे मन को बहुत गहराई तक छू गया। इस धरती को प्रणाम, बारम्बार प्रणाम।

 

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