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ट्रेड डील के बीच ट्रंप ने फिर दोहराया भारत-पाकिस्तान विवाद सुलझाने का दावा,कही ये बात

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ब्रिटेन की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान अपना यह दावा दोहराया कि उन्होंने इस वर्ष के शुरू में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष को सुलझाने के लिए हस्तक्षेप किया था।

बकिंघमशायर में ब्रिटिश प्रधानमंत्री के चेकर्स स्थित आवास पर कीर स्टारमर के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी निराशा यह है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ चल रहे संघर्ष को लेकर उन्हें निराश किया, लेकिन व्यापार के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के साथ सफल रहे।

 

क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप?
रूस-यूक्रेन संघर्ष के बारे में एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, “हमने सात परमाणु समझौते किए और उनमें से ज्यादातर समझौते के लायक नहीं थे। हमने भारत और पाकिस्तान के साथ भी समझौता किया। यानी दो परमाणु संपन्न देश।”

उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से व्यापार के लिए था। आप (भारत और पाकिस्तान) हमारे साथ व्यापार करना चाहते हैं तो आपको साथ मिलकर काम करना होगा और वे (भारत और पाकिस्तान) इस पर जोर-शोर से आगे बढ़ रहे थे।”

भारत पर टैरिफ को लेकर ट्रंप ने क्या कहा?
भारत पर लगाए गए व्यापार शुल्कों पर ट्रंप ने कहा, “बहुत सीधी सी बात है, अगर तेल की कीमतें गिरती हैं तो पुतिन युद्ध से हट जाएंगे। उनके पास कोई विकल्प नहीं होगा। वह उस युद्ध से हट जाएंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “और जब मुझे पता चला कि यूरोपीय देश रूस से तेल खरीद रहे हैं और जैसा कि आप जानते हैं, मैं भारत के बहुत करीब हूं। मैं भारत के प्रधानमंत्री के बहुत करीब हूं, मैंने पिछले दिनों उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिए उनसे बात की थी। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं और उन्होंने एक सुंदर बयान भी दिया था। लेकिन मैंने उन पर प्रतिबंध लगा दिया।”

ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन अमेरिका को बहुत बड़ा टैरिफ दे रहा है और वह संघर्ष में हस्तक्षेप करने के लिए तभी तैयार हैं जब जिन लोगों के लिए मैं लड़ रहा हूं वे रूस से तेल खरीद रहे हों। उन्होंने कहा, “यदि तेल की कीमत कम हो जाती है तो रूस समझौता कर लेगा और तेल की कीमत बहुत कम हो जाएगी, हमने इसे बहुत कम कर दिया है।”

रूस-यूक्रेन स्थिति पर ट्रंप ने कहा कि उन्हें कुछ अच्छी खबर मिलने की उम्मीद है, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इसका संयुक्त राज्य अमेरिका पर सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

 

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