देश दुनियाTrending Now

Tirupati Laddu Case: सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू विवाद की जांच के लिए बनाई SIT, पांच अधिकारी करेंगे जांच

Tirupati Laddu Case: नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति के प्रसाद के लड्डुओं में पशु चर्बी की मिलावट वाले घी के इस्तेमाल के आरोपों से भगवान में आस्था रखने वाले करोड़ों भक्तों की भावनाएं प्रभावित होने का ख्याल रखते हुए उन्हें संतुष्ट करने के लिए पांच सदस्यीय स्वतंत्र एसआईटी का गठन किया है। पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआइटी) मिलावट के आरोपों की जांच करेगा।

एसआइटी में दो अधिकारी सीबीआइ के, दो अधिकारी आंध्र प्रदेश पुलिस के और एक अधिकारी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया (एफएसएसएआइ) का होगा। ये एसआइटी सीबीआइ निदेशक के सुपरवीजन में काम करेगी।

कोर्ट को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देंगे- सुप्रीम कोर्ट
शुक्रवार को मामले पर सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश की मौजूदा सरकार और याचिकाकर्ताओं द्वारा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों पर ऐतराज जताते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस कोर्ट को राजनीति का अखाड़ा बनाने की इजाजत नहीं देंगे। न्यायमूर्ति बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने ये आदेश तिरुपति के प्रसाद के लड्डुओं में मिलावटी घी के इस्तेमाल के आरोपों की निष्पक्ष जांच मांगने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिये।

हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एसआइटी गठन के उनके आदेश को जांच कर रही राज्य सरकार की एसआइटी के अधिकारियों की निष्पक्षता और स्वतंत्रता से जोड़ कर या उस पर आक्षेप लगाने वाला न समझा जाए।

मिलावट के आरोपों से करोड़ों भक्तों की भावनाएं आहत हुई
कोर्ट ने कहा कि मिलावट के आरोपों से करोड़ों भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं और कोर्ट का मानना है कि लोगों की भावनाएं शांत करने और उन्हें संतुष्ट करने के लिए जांच स्वतंत्र एसआइटी को करनी चाहिए। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने जांच पूरी हुए बगैर लड्डुओं में मिलावट के बारे में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के मीडिया में बयान देने पर सवाल उठाया था।

कोर्ट ने कहा था कि अभी तक लड्डुओं में मिलावट का कोई प्रथम दृष्टया कोई सबूत नहीं है। कोर्ट ने केंद्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि वह अगली सुनवाई पर बताएं कि मामले की जांच राज्य द्वारा गठित एसआइटी ही जारी रखे या फिर स्वतंत्र एसआइटी को दी जानी चाहिए।

शुक्रवार को मेहता ने कोर्ट से कहा कि उन्होंने राज्य सरकार द्वारा गठित एसआइटी के सदस्यों के बारे में पता लगाया है वे सभी अच्छी प्रतिष्ठा वाले लोग हैं उनके जांच जारी रखने में कोई हर्ज नहीं है सिर्फ एसआइटी के सुपरवीजन के लिए केंद्र सरकार का एक अधिकारी उसमें शामिल किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सामने लाया था मामला
इस मामले में विवाद तब खड़ा हुआ जब मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने गत 18 सितंबर को मीडिया में बयान दिया कि तिरुपति के प्रसाद के लड्डुओं में पशु चर्बी वाले मिलावटी घी का इस्तेमाल हुआ है। उन्होंने इस संबंध में लैब की जांच रिपोर्ट भी सार्वजनिक की थी और जांच के लिए एसआइटी भी गठित की थी। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हुईं जिनमें सेवानिवृत न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई थी।

चंद्रबाबू और जगन दोनों ने किया सुप्रीम कोर्ट के एसआइटी बनाने का स्वागत
तिरुपति मंदिर के प्रसाद के लड्डुओं में मिलावटी घी के इस्तेमाल की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसआइटी गठित करने के आदेश का आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और वाईएसआरसीपी के प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी दोनों ने स्वागत किया है।

चंद्रबाबू ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं। सत्यमेव जयते। बाद में शाम को वह अपनी पत्नी भुवनेश्वरी के साथ तिरुपति मंदिर पहुंचे और भगवान को पट्टू वस्त्रालु (रेशमी वस्त्र) अर्पण किया।

वहीं, जगन मोहन ने दावा किया कि मुख्यमंत्री द्वारा गठित एसआइटी को रद करके सुप्रीम कोर्ट ने नायडू को फटकार लगाई है। नायडू को गुमराह करने के लिए लोगों से माफी मांगनी चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नायडू को भगवान में कोई आस्था नहीं है। वह राजनीतिक लाभ के लिए भगवान का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। वह भगवान से प्रार्थन कर रहे हैं कि नायडू के पाप राज्य के लोगों भारी न पड़ें। उनका असर सिर्फ मुख्यमंत्री और उनके गठबंधन तक सीमित रहे।

Advt_160oct2024
Advt_19_09
cookies_advt2024_08
advt_001_Aug2024
july_2024_advt0001
Share This: