
नई दिल्ली। साल 2025 की शुरुआत हो गई है। नए साल के साथ नई उम्मीदें भी बंधी होती हैं। इस साल भी देश में और विश्व के कई हिस्सों में काफी कुछ नया होगा। कुल मिलाकर नया साल नई ऊर्जा और आशाएं लेकर आया है। इस बीच साल 2025 भारत के लिए भी कई मायनों में खास रहेगा।
इस साल देश में काफी कुछ नया होगा, जिससे देश की तस्वीर बदलेगी और कुछ बड़ा होगा। राजनीति से लेकर अध्यात्म तक देश में कई घटनाक्रम पहली बार होंगे, जो एक नया अध्याय लिखेंगे। आइए आपको बताते हैं उन मुद्दों के बारे में जिस पर देश के लोगों की नजरें रहने वाली हैं।
महाकुंभ का होगा आयोजन
उत्तर प्रदेश का प्रयागराज इस बार महाकुंभ का साक्षी बनेगा। प्रयागराज में 12 साल बाद महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। जिसके लिए तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। इससे पहले साल 2013 में महाकुंभ का आयोजन किया गया था।
13 जनवरी से शुरू होने के साथ ये महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान देश के साथ विश्व के अन्य हिस्सों से भी लाखों श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने की उम्मीद है। महाकुंभ में स्नान करने का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। ये उत्सव दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस महाकुंभ के आयोजन पर करीब 5435.68 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इस भव्य आयोजन पर देश के साथ विश्व के तमाम देशों की नजर है।
बिहार और दिल्ली में होंगे विधान चुनाव
चुनाव लोकतंत्र की खूबसूरती है। बीते साल 2024 में लोकसभा चुनाव के साथ अन्य कई राज्यों के विधानसभा चुनाव पर नजर बनी रही। अब साल 2025 में दो राज्यों में विधानसभा चुनाव होने को हैं। दिल्ली और बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव हैं। केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में फरवरी में विधानसभा चुनाव होंगे, जिसके लिए तमाम राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं। इससे पहले साल 2020 में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की थी। बता दें 2024 में दिल्ली के सीएम को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
वहीं, इस साल के आखिरी तक बिहार में भी विधानसभा चुनाव होने को हैं। बिहार विधानसभा चुनाव पर देश की नजरें रहने वाली हैं। वर्तमान में बिहार में एनडीए की सरकार है और जेडीयू नेता नीतीश कुमर सीएम हैं। बिहार में होने वाले चुनाव से पहले महागठबंधन पूरी कोशिश में लगा है कि वह सत्ता में आए। उधर तीसरे मोर्चे के तौर पर प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी भी इस बार के विधानसभा चुनाव में पहली बार अपनी किस्मत आजमाने जा रही है। इस लिहाज से बिहार का विधानसभा चुनाव दिलचस्प होते नजर आ रहा है। सीएम नीतीश कुमार के लिए भी ये विधानसभा चुनाव कई मायनों में अहम रहने वाला है।
इन सीटों पर होंगे उपचुनाव
दो राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ देश में 6 राज्यों में कुछ विधानसभा सीटों और लोकसभा सीटों पर उपचुनाव भी इस साल हो सकते हैं। इस साल उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा, जम्मू कश्मीर की बडगाम और नगरोटा विधानसभा, गुजरात की विसावदार विधानसभा, तमिलनाडु की इरोड (पूर्व) विधानसभा और केरल की देवीकुलम विधानसभा सीट पर इस साल उपचुनाव होंगे।
इसके अलावा पश्चिम बंगाल की बशीरहाट लोकसभा सीट पर भी इस साल उपचुनाव होने की संभावना है। दरअसल, बशीरहाट से तृणमूल सांसद हाजी नुरुल इस्लाम का निधन दिसंबर 2024 में हो गया था, जिसके बाद ये सीट खाली हो गई है। इस कारण यहां पर उपचुनाव होना है।
RSS के पूरे होंगे 100 साल
साल 2025 राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के लिए बेहद खास रहने वाला है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ इस साल विजयदशमी के दिन अपने स्थापना के 100 साल पूरे करने जा रहा है। आरएसएस की शुरुआत नागपुर से हुई थी, अब ये संघ एक बड़ा रूप ले चुका है और देश के कोने कोने में फैला हुआ है। वर्तमान में संघ बेहद मजबूत और बड़ा नजर आता है, लेकिन यहां तक पहुंचने में आरएसएस को कई उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ा।
जानकारी दें कि आरएसएस की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयदशमी के दिन की गई थी। नागपुर से इसकी शुरुआत हुई थी। अब साल 2025 में संघ 100 साल का हो जाएगा। आरएसएस की स्थापना केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। बताया जाता है कि 17 लोगों ने मिलकर इसकी स्थापना की। अब इस संघ ने देश में एक बड़ा रूप ले लिया है।
क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा भारत
बीते साल में भारत की मजबूती वैश्विक स्तर पर देखने को मिली थी। इस साल भी ये सिलसिला जारी रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि 2025 में भारत क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है। साल 2024 में सितंबर में क्वाड शिखर सम्मेलन का आयोजन अमेरिका में किया गया था। बता दें कि क्वाड चार देशों का समूह है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका और जापान शामिल हैं। प्रत्येक वर्ष इन देशों के नेता एक मंच पर एक साथ आते हैं, जहां पर रणनीतिक सुरक्षा संवाद होता है।
बता दें पिछले साल पीएम मोदी ने 2025 में भारत में क्वाड लीडर्स के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की पेशकश की। पीएम मोदी की इस पेशकश पर सभी क्वाड नेताओं ने सहमति जताई थी। इस साल का क्वाड शिखर सम्मेलन इसलिए खास रहने वाला है क्योंकि इसमें अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी हिस्सा लेंगे।
इस साल हो सकती है जनगणना
साल 2025 में देश में जनगणना भी होने की संभावना है। ऐसा माना जा रहा है कि जनगणना को पूरा करने में कुल एक साल का वक्त लग सकता है। ऐसे में साल 2026 में इसके पूरा होने की उम्मीद है। इससे पहले साल 2011 में जनगणना कराई गई थी। उसके बाद साल 2021 में जनगणना होने को थी, लेकिन कोरोना काल के कारण इसमें बदलाव किया गया। अब उम्मीद है कि इस साल जनगणना कराई जा सकती है। इसके बाद जनगणना का चक्र ऐसे ही चलेगा।
इस बार की जनगणना को लेकर खास बात है कि ये देश की पहली डिजिटल जनगणना होगी। पेन-पेपर की बजाए इस बार जनगणना के आंकड़े ऑनलाइन माध्यम से दर्ज किए जाएंगे। देश में ऐसा पहली बार होगा जब जनगणना का डाटा मोबाइल एप और टैबलेट में दर्ज किया जाएगा।
शुरू हुआ नया युग
नए साल एक नई जनरेशन को लेकर भी आया है। एक जनवरी 2025 से अब जनरेशन बीटा की शुरुआत हो गई है। इससे पहले मिलेनियल्स, जेन जी और जेन अल्फा का दौर रहा। 1 जनवरी 2025 से लेकर 31 दिसंबर 2049 तक जो भी बच्चे जन्म लेंगे अब वे बीटा जनरेशन के बच्चे होंगे।जानकारों का कहना है कि बीटा जनरेशन नई तकनीकों में माहिर होंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि ये एआई के जमाने में पैदा हो रहे हैं। जनरेशन बीटा से मतलब है कि ये बच्चे उस जनरेशन के होंगे जिस दौरान तकनीकी काफी तेजी से आगे बढ़ रही है।
सेना में होंगे बदलाव
केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में नए साल 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित किया गया है। इस साल सेना में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। 2025 में साइबर और अंतरिक्ष जैसे नए क्षेत्रों, एआई, मशीन लर्निंग, हाइपरसोनिक और रोबोटिक्स जैसी उभरती तकनीकों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
सेना में थिएटराइजेशन मॉडल के अंतर्गत सरकार थल सेना, वायु सेना और नौसेना की क्षमताओं को एक साथ लाने की तैयारी है, जिससे युद्ध के दौरान और सैन्य अभियानों के दौरान उनके संसाधनों का अनुकूल प्रयोग किया जा सके। थिएटराइजेशन योजना के तहत सभी थिएटर कमांड में सेना, नौसेना और वायु सेना की सभी इकाइयां होंगी।
बीएमसी के चुनाव
ये साल मुंबई के लोगों के लिए भी खास रहने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल बृहन्मुंबई नगर निगम के चुनाव होने जा रहे हैं। बीएमसी देश के सबसे अमीर कॉरपोरेशन में सबसे पहले पायदान पर आती है। इस चुनाव में एनडीए और महाविकास अघाड़ी के बीच जंग देखने को मिलेगी।
बता दें कि BMC का बजट करीब 59,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है। इस चुनाव में विजय हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दल काफी प्रयास कर रहे हैं।