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दुनिया का सबसे खतरनाक हवाई अड्डा, जहां सिर्फ 50 पायलट्स के पास है विमान उड़ाने की ट्रेनिंग

नई दिल्ली। क्या आप दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण हवाईअड्डे के बारे में जानते हैं। भारत के पड़ोस में दुनिया का सबसे चुनौतीपूर्ण एयरपोर्ट है। खास बात यह है कि इस एयरपोर्ट पर सिर्फ दुनिया के 50 पायलट ही फ्लाइट ऑपरेट करने की योग्यता रखते हैं। यह एयरपोर्ट है भूटान का पारो। भूटान का पारो एयरपोर्ट ऊंची-ऊंची चोटियों से घिरा है। यहां छोटी सी चूक बड़ा हादसे का कारण बन सकता है। अगर पायलट को एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र का ज्ञान नहीं है तो वह यहां फ्लाइट उतार नहीं सकता है। पारो एयरपोर्ट पर दो 18,000-फुट की चोटियों के बीच से एक छोटे रनवे पर जहाज को उतारना पड़ता है।

विशेष प्रशिक्षण वाले पायलट ही उतार सकते विमान

भूटान का पारो सी श्रेणी का हवाई अड्डा है। इसका मतलब यह हुआ कि यहां विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पायलट ही विमान उड़ा सकते हैं। दोरजी का कहना है कि पायलटों के लिए हवाई अड्डे के आसपास के परिदृश्य को जानना महत्वपूर्ण है। इसमें एक इंच का भी अंतर होने पर आप किसी के घर की छत पर उतर सकते हैं। बिना स्थानीय ज्ञान और कौशल के यहां विमान उतारना खतरे से खाली नहीं है। भूटान की राजधानी थिम्पू समुद्र तल से 7,710 फीट की ऊंचाई पर है। मगर पारो 7,382 फीट की ऊंचाई पर है। उंचे स्थानों पर हवा पतली होने की वजह से विमान तेजी से उड़ता है। पारो एयरपोर्ट का रनवे सिर्फ 7,431 फीट लंबा है। रनवे के दोनों तरफ दो ऊंचे पहाड़ हैं। इस वजह से पायलट को रनवे एकदम नजदीक आने पर उतरते वक्त ही दिखता है।

दोपहर से पहले सबसे उपयुक्त समय

पारो एयरपोर्ट पर दोपहर से पहले विमानों की लैंडिंग सबसे उपयु्क्त मानी जाती है। दरअसल, दोपहर बाद हवाएं तेज हो जाती हैं। तापमान भी बढ़ता है। सुबह हवाएं शांत रहती हैं। मानसून में यहां विमान का परिचालन करना और चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

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