कवर्धा (दीपक तिवारी, दैनिक छत्तीसगढ़ वॉच, जिला ब्यूरो कबीरधाम)। कबीरधाम जिले में खनन विभाग और प्रशासन की नाक के नीचे रॉयल्टी चोरी का गोरखधंधा जोरों पर चल रहा है। जिले में एक भी अधिकृत मुर्मू खदान नहीं है गिट्टी की खदान स्वीकृत होने के बावजूद, क्रेशर मशीनों से गिट्टी का सीमा से बाहर उत्खनन और परिवहन धड़ल्ले से किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, जिले के कई प्रभावशाली क्रेशर मशीन मालिक और ठेकेदार मिलकर सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का चुना लगा रहे हैं। ये ठेकेदार 10 हाईवे पर एक1रॉयल्टी पर्ची बनवाकर सड़क निर्माण और विभागीय कामों में गिट्टी की आपूर्ति दिखा देते हैं, जबकि हकीकत में सामग्री बिना किसी वैध रॉयल्टी के निकाली जाती है।
जानकारों का कहना है कि यह खेल सिर्फ सिविल ठेकेदारों तक सीमित नहीं है। इसमें वन विभाग, राजस्व और माइनिंग विभाग के कुछ अफसर-कर्मचारी भी मिलीभगत से अपना हिस्सा लेते हैं। परिणाम यह कि जिले की तहसील सीमा से ज्यादा मात्रा में गिट्टी बनाई और बेची जा रही है, जिससे सरकारी रॉयल्टी पूरी तरह डकार ली जाती है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि रात के अंधेरे में ट्रक और डंपर लगातार अवैध गिट्टी लेकर निकलते हैं मुरुम बेचा जाता है भी , लेकिन प्रशासन खामोश है। सवाल उठ रहा है कि जब जिले में एक भी वैध खदान नहीं, तो इतनी मुरुम आखिर कहां से आ रही है?
एक मीनिंग ठेकेदार पर 27 करोड़ का रॉयल टी माइनिंग विभाग को देना है कुल मिलाकर करीब 100 करोड़ का रॉयल्टी देना है कबीरधाम जिला के अंदर
जिला प्रशासन और खनिज विभाग से जनता अब एक ही मांग कर रही है —
👉 अवैध खनन पर लगाम लगे, और भ्रष्ट माफियाओं पर कार्रवाई हो।
