बिलासपुर : ज्वैलरी शोरूम से करीब डेढ़ लाख रुपए के गहने ठगने वाले दंपती को पुलिस ने रायपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी दंपती ने घर में शादी होने का झांसा देकर ज्वलर्स से करीब ढाई लाख रुपए कीमत के गहने खरीदे। इसके बाद 83 हजार रुपए कैश और बाकी का चेक दिया। चेक बाउंस होने पर जब दंपती से संपर्क करने का प्रयास किया तो मोबाइल नंबर बंद निकला। जो पता बताया वह भी फर्जी था। इस पर ज्वैलरी शोरूम संचालक कोतवाली पहुंचा और FIR दर्ज कराई थी।
थाना प्रभारी शीतल सिदार ने बताया कि सदर बाजार स्थित महेंद्र जेम्स एंड ज्वेलर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की मैनेजर किरण राठौर ने अगस्त माह में धोखाधड़ी की शिकायत की थी। इसमें बताया कि 18 जून को उनके संस्थान में प्रियंका शुक्ला अपने पति उमेश कुमार के साथ पहुंची। इस दौरान महिला ने घर में विवाह समारोह होने की बात कहते हुए 2 लाख 23 हजार रुपए के सोने की दो रिंग, एक चेन और दो जोड़ी चूड़ी लिए। उन्होंने 83 हजार 364 रुपए दिया और बाकी रकम के लिए चेक देने की बात कही।
इस पर मैनेजर उनका डिटेल्स लेकर चेक लेने के लिए तैयार हो गई। उन्होंने अलग-अलग दो चेक दिए। जिसे बैंक में चेक जमा करने पर उनके एकाउंट पर्याप्त राशि नहीं होने पर बाउंस हो गया। इससे परेशान मैनेजर ने उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। लेकिन, मोबाइल बंद मिला। तब उनके बताए एड्रेस उसलापुर स्थित नेचर सिटी में कर्मचारी भेजा गया। लेकिन, उनका कुछ पता नहीं चला। इस पर पुलिस ने जांच की और दंपती को रायपुर के अवंति विहार स्थित श्रीराम हाइट्स में दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया।
पता निकला फर्जी, मोबाइल नंबर से खुला राज
आरोपियों ने ज्वेलरी शॉप की मैनेजर को जो दस्तावेज दिए थे, उसमें महिला का नाम प्रियंका शुक्ला और उसके पति का नाम उमेश कुमार बताया गया था। बैंक से जानकारी जुटाने पर प्रियंका शुक्ला की जानकारी मिली। लेकिन, उसमें एड्रेस गलत निकला। मोबाइल की तकनीकी जांच में उनकी करतूत सामने आई। उनके पकड़ में आने के बाद पता चला कि आरोपी महिला का नाम प्रियंका शुक्ला उर्फ प्रियंका नंदा 40 है और उसके पति नवनीत नंदा 38 साल है। नवनीत रायपुर में गैरेज चलाता है। पुलिस ने उनकी स्वीफ्ट कार और आईडी कार्ड को भी जब्त किया है।
अलग-अलग बैंक में है एकाउंट, कई व्यापारियों को लगाया है चूना
TI शीतल सिदार ने बताया कि प्रियंका नंदा का आईडी प्रियंका शुक्ला के नाम से बना है। उसने अलग-अलग बैंक में एकाउंट खुलवा ली थी और चेक लेकर इस तरह सुनियोजित तरीके से धोखाधड़ी करती थी। व्यापारियों से सामान खरीदते समय वह चेक दे देती थी। फिर बाद में दुकान में दिए गए मोबाइल नंबर को बंद कर दूसरे जगह शिफ्ट हो जाती। बताया जा रहा है कि इस तरह से उन्होंने कई व्यापारियों को चूना लगाया है।