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आयोजन जोगी का और मुख्य अतिथि भूपेश, राजनीतिक दूरियां घटने के संकेत

The card is saying something: Jogi’s event and chief guest Bhupesh, signs of reducing political distance?

 

चंद्रप्रकाश जैन

रायपुर। क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और जोगी परिवार के बीच राजनीतिक दूरियां कम हो रहीं हैं? 29 अप्रैल, शनिवार को जोगी परिवार के आयोजन में बघेल को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने से यही संकेत उभर कर सामने आ रहे हैं।

कार्ड कुछ कह रहा हैं ….

दरअसल, शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जयंती है। इस मौके पर जोगी परिवार ने सागौन बंगले में शाम 6 बजे से सर्वधर्म प्रार्थना सभा और भजन संध्या का आयोजन किया है। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री बघेल को आमंत्रित कर जोगी परिवार ने राजनीतिक हलको में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। आमंत्रण पत्र में आयोजक के रूप में विधायक डॉक्टर रेणु जोगी व उनके बेटे अमित जोगी का नाम है। मालूम हो कि बघेल व जोगी परिवार के बीच राजनीतिक रंजिश काफी पुरानी है। मुख्यमंत्री बनने के पहले बघेल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे और उन्हीं के कार्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री जोगी को कांग्रेस से निष्कासित किया गया था। उसके बाद जोगी ने अलग पार्टी बनाई। उनके निधन के बाद पत्नी डॉ रेणु जोगी व बेटे अमित जोगी पार्टी की कमान संभाले हुए हैं। अमित अनेक मौकों पर बघेल सरकार की आलोचना करते रहे हैं। अब उन्हें अपने कार्यक्रम में बतौर मुख्यमंत्री आमंत्रित कर उन्होंने भविष्य में बनने वाले राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा कर दिया है।

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि बघेल व जोगी परिवार दोनों भाजपा-विरोधी राजनीति करते हैं। बीते विधानसभा चुनाव में जोगी कांग्रेस को करीब 7 फीसद वोट मिले थे। भाजपा की नजर भी इस वोट बैंक पर है। वैसे भी छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति और जनजाति वोटों पर जोगी परिवार की खासी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में बघेल इस वोट बैंक को किसी भी कीमत पर भाजपा के हाथों में जाने नहीं देना चाहेंगे। शायद यही वजह है की वे तमाम राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए उक्त आयोजन में शरीक होने जा रहे हैं।

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि श्री बघेल व जोगी परिवार दोनों भाजपा-विरोधी राजनीति करते हैं। बीते विधानसभा चुनाव में जोगी कांग्रेस को करीब 7 फीसद वोट मिले थे। भाजपा की नजर भी इस वोट बैंक पर है। वैसे भी छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति और जनजाति वोटों पर जोगी परिवार की खासी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में श्री बघेल इस वोट बैंक को किसी भी कीमत पर भाजपा के हाथों में जाने नहीं देना चाहेंगे। शायद यही वजह है की वे तमाम राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए उक्त आयोजन में शरीक होने जा रहे हैं।

 

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