SUPREME COURT IS STRICT : ईवीएम सत्यापन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, चुनाव आयोग को डाटा न मिटाने का निर्देश

SUPREME COURT IS STRICT: Supreme Court strict on EVM verification, instructions to Election Commission not to delete data
नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की पारदर्शिता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को सख्त निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि ईवीएम का डाटा न मिटाया जाए और न ही इसे दोबारा लोड किया जाए। यह निर्देश एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया।
सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा, “हमने पहले ही आदेश दिया था कि माइक्रोचिप के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए और इसकी पुष्टि आवेदक उम्मीदवारों की मौजूदगी में की जानी चाहिए।”
एडीआर ने उठाए गंभीर सवाल
ADR की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने तर्क दिया कि चुनाव आयोग सिर्फ मॉक पोल कराता है, लेकिन ईवीएम के सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर की गहन जांच नहीं कराई जाती। उन्होंने मांग की कि मशीनों की संपूर्ण तकनीकी जांच होनी चाहिए ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी का पता लगाया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट का पिछला आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2024 में आदेश दिया था कि दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 5% ईवीएम की जली हुई मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर का सत्यापन करा सकते हैं। यह सत्यापन ईवीएम निर्माताओं के इंजीनियरों द्वारा किया जाएगा।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि यदि ईवीएम में छेड़छाड़ पाई जाती है तो सत्यापन के लिए ली गई फीस लौटा दी जाएगी।
ईवीएम पर सवाल और वीवीपैट का विकल्प
ईवीएम को लेकर कई राजनीतिक दलों ने सवाल उठाए हैं, लेकिन चुनाव आयोग का दावा है कि ये स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का सबसे प्रभावी तरीका है। इसी विवाद को सुलझाने के लिए वीवीपैट (VVPAT) मशीनें लागू की गईं, जो मतदाता को यह पुष्टि करने देती हैं कि उनका वोट सही पार्टी को गया है या नहीं।
वीवीपैट का पहली बार 2013 में नागालैंड विधानसभा चुनाव और फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में सीमित प्रयोग हुआ था। 2019 के आम चुनाव में इसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया।
अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के इन निर्देशों का पालन कैसे करता है और क्या ईवीएम की पारदर्शिता को लेकर उठते सवालों का कोई स्थायी समाधान निकलता है।