Trending Nowदेश दुनिया

कोरोना से मौत के लिए मुआवजे पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई खुशी, कहा- विपरीत हालात में भारत ने किया बेहतर काम

Compensation For Covid Deaths: कोरोना से हुई मौत के लिए मुआवजे की घोषणा पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की सराहना की है. कोर्ट ने कहा है कि विपरीत परिस्थितियों में भारत जो कर पाया, वैसा और कोई देश नहीं कर सका. केंद्र ने आज हर मौत के लिए 50 हज़ार रुपए मुआवजा तय करने की जानकारी कोर्ट को दी. कोर्ट ने कहा, ”यह खुशी की बात है कि जिन लोगों ने पीड़ा झेली, उनके आंसू पोंछने के लिए कुछ किया जा रहा है.”

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम आर शाह और ए एस बोपन्ना की बेंच ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को आपदा प्रबंधन कोष से बहुत तरह के खर्च करने होते हैं. भविष्य में हालात कैसे रहेंगे, यह भी साफ नहीं है. इसके बावजूद लाखों लोगों को मुआवजा देना बड़ी बात है. विषम हालात का भारत ने बेहतर ढंग से सामना किया है. मामले के याचिकाकर्ता गौरव कुमार बंसल ने भी इस बात खुशी जताई कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के लिए कुछ किया जा रहा है.

30 जून को दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देश में कोरोना से हुई हर मौत के लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने माना था कि इस तरह की आपदा में लोगों को मुआवजा देना सरकार का वैधानिक कर्तव्य है. लेकिन मुआवजे की रकम कितनी होगी, यह फैसला कोर्ट ने सरकार पर ही छोड़ दिया था. तब सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी (NDMA) से कहा था कि वह 6 हफ्ते में मुआवजे की रकम तय कर राज्यों को सूचित करे. NDMA ने बाद में कोर्ट से अतिरिक्त समय की मांग की थी. अब कोर्ट के फैसले के करीब 12 हफ्ते बाद उसने मुआवजे पर निर्णय लिया है.

करीब 25 मिनट चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि वह 4 अक्टूबर को मामले में विस्तृत आदेश जारी करेगा. सरकार ने कोर्ट को बताया कि कोविड पॉज़िटिव पाए जाने के 30 दिन के भीतर आत्महत्या करने वाले व्यक्ति की मौत की वजह कोरोना ही मानी जाएगी. ऐसे लोगों के परिवार को भी मुआवजा दिया जाएगा. इस पर कोर्ट ने कहा कि दिल के दौरे से मरने वाले कोरोना मरीज़ों के परिवार का भी ख्याल रखा जाना चाहिए. केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसे लोगों का परिवार भी डेथ सर्टिफिकेट में सुधार के लिए ज़िला कमिटी को आवेदन दे सकते हैं. सर्टिफिकेट में बदलाव के बाद वह भी मुआवजे के हकदार होंगे.

Share This: