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सचिन पायलट के आवास पहुंचे समर्थक विधायक

दिल्ली। राजस्थान में सचिन पायलट के खेमे में भी हलचल बढ़ गई है. जयपुर में उनके आवास पर समर्थक विधायक पहुंचने लगे हैं. इसी बीच विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने दावा किया है कि 2023 चुनाव के लिए पार्टी राजस्थान में बदलाव कर रही है. सीएम का चेहरा नेतृत्व तय करेगा. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सचिन पायलट ने कांग्रेस हाईकमान को बता दिया है कि अगर गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं, तो उन्हें सीएम पद पर नहीं रहना चाहिए. इतना ही नहीं यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे विधायकों को साथ लाएं. सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के अलावा अन्य विधायकों के भी लगातार संपर्क में हैं. हालांकि, उन्होंने अभी समर्थकों से हाईकमान के फैसले का इंतजार करने के लिए कहा है. गहलोत खेमे के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि अनुशासनात्मक कार्रवाई तो उन विधायकों पर होनी चाहिए, जो 2020 में मानेसर गए थे. विधायक सोनिया गांधी का आदेश मानने के लिए तैयार हैं. दिल्ली मीडिया के द्वारा धारणा बनाकर पीएम और सीएम की कुर्सी हासिल नहीं की जा सकती. इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षकों को इतनी जल्दी नाराज नहीं होना चाहिए था. उन्हें इंतजार करना चाहिए था. हम अपने लोगों के साथ लड़ना नहीं चाहते. अगर धारीवाल जैसा वरिष्ठ इंसान ऐसे मुद्दों को उठा रहा है, तो पार्टी को इस पर विचार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि एक माहौल बनाया गया है कि मुख्यमंत्री 19 विधायकों के मुताबिक होना चाहिए, न कि 102 विधायकों के मुताबिक. बता दें कि राजस्थान का राजनीतिक संकट अब दिल्ली तक पहुंच गया है. जयपुर से लौटे पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे राजस्थान के मौजूदा स्थिति की लिखित रिपोर्ट कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौपेंगे. इससे पहले सोमवार को दोनों नेताओं ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी भी दी थी. इतना ही नहीं राजस्थान में हुए सियासी ड्रामे के बाद कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत से नाराज बताया जा रहा है. ऐसे में अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव की रेस से बाहर हो सकते हैं.

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