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SP ने थानेदारों को किया अलर्ट: स्थानीय आदिवासी और धर्मांतरित लोगों के बीच विवाद की संभावना, राज्यसभा सांसद ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर की हस्तक्षेप की मांग…

सुकमा : पिछले दिनों सुकमा एसपी सुनील शर्मा के धर्मांतरण वाले पत्र ने राजनीतिक रंग ले लिया है| प्रदेश में धर्म परिवर्तन को लेकर सियासत शुरू हो गई है. वहीं अब भाजपा से राज्यसभा सांसद राम विचार नेताम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग कर डाली है। उन्होंने सुकमा एसपी के 12 जुलाई को लिखे पत्र का हवाला भी दिया है।सांसद रामविचार नेताम ने लिखा है कि ऐसी स्थिति छत्तीसगढ़ के सभी क्षेत्रों में है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में हो रहे धर्मांतरण में प्रदेश सरकार का संरक्षण और संलिप्तता स्पष्ट है। मंत्रियों द्वारा धार्मांतरण के पक्ष में बयान देकर आदिवासियों की मूल संस्कृति, अस्तित्व एवं अस्मिता को नष्ट करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। धर्मांतरण पर जिला SP की स्वीकारोक्ति को प्रकाश में लाया जाना अत्यंत गंभीर एवं चिंतनीय है। सांसद ने केंद्रीय गृह मंत्री से यथोचित कार्रवाई के लिए आदेशित करने का आग्रह किया है।

विधानसभा मे भाजपा विधायक दल के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा, छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण तेजी से हो रहा है। ऐसा कह सकते हैं कि यह सरकार के संरक्षण में हो रहा है। सुकमा एसपी के पत्र में बाकायदा ऐसे गांवों का जिक्र है। यह उसकी मौन स्वीकृति है। अंबिकापुर के महामाया तालाब क्षेत्र में बाहर के लोग आकर बस रहे हैं और धर्मांतरण कर रहे हैं। बस्तर से लेकर सरगुजा तक जहां भी ऐसे लोग आए हुए हैं, उनके पहचान पत्र और अन्य दस्तावेजों की समुचित रूप से जांच होनी चाहिए। इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनानी चाहिए।भाजपा के इन आरोपों के जवाब में राज्य कैबिनेट के प्रवक्ता और कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, मुझे लगता है कि प्रदेश में कहीं भी ऐसी परिस्थिति नहीं बनी है। कुछ घटनाओं की जानकारी के बाद सुकमा एसपी का पत्र सामने आया है। छत्तीसगढ़ में कहीं भी इस तरह की परिस्थिति का निर्माण नहीं हुआ है।

क्या है पूरा मामला ?

सुकमा के पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने 12 जुलाई को अपने SDOP और थाना प्रभारियों को लिखे पत्र में ईसाई मिशनरियों की गतिविधियों का उल्लेख किया था। उन्होंने लिखा, जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में स्थानीय आदिवासियों को बहला-फुसलाकर और ईसाई समुदाय में होने वाले लाभ का लालच देकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके कारण भविष्य में स्थानीय आदिवासी और धर्मांतरित लोगों के बीच विवाद की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। एसपी ने अपने मातहत अधिकारियों ने मिशनरियों और धर्मांतरित लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश दिया है।

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