SHANGHAI COOPERATION ORG SUMMIT : पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता से किया इनकार
SHANGHAI COOPERATION ORG SUMMIT: Pakistan refuses bilateral talks with India
नई दिल्ली। पाकिस्तान ने आगामी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के मौके पर भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता की संभावना से इनकार किया है. इस शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पाकिस्तान का दौरा करेंगे. उनके नेतृत्व में भारत सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद जाएगा. विदेश मंत्री जयशंकर ने कुछ दिन पहले कहा था कि उनकी आगामी पाकिस्तान यात्रा एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए होगी, द्विपक्षीय वार्ता के लिए नहीं.
यह यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नौ वर्षों में किसी भारतीय विदेश मंत्री का पहला पाकिस्तान दौरा होगा, आखिरी बार 2015 में सुषमा स्वराज विदेश मंत्री के तौर पर इस्लामाबाद गई थीं. एस जयशंकर की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा, ‘मैं चाहूंगी कि आप भारतीय विदेश मंत्री द्वारा 5 अक्टूबर को की गई टिप्पणियों पर गौर करें, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस्लामाबाद की उनकी आगामी यात्रा एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए है, न कि पाकिस्तान-भारत संबंधों पर चर्चा के लिए. उनकी ये टिप्पणियां अपने आप में संकेत देती हैं.’
पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा था कि 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद की उनकी यात्रा के दौरान एजेंडे में भारत-पाकिस्तान मुद्दों पर बातचीत नहीं है. जयशंकर ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘इस महीने के मध्य में एससीओ समिट के लिए मेरा पाकिस्तान जाने का कार्यक्रम है. यह सरकार के प्रमुखों का शिखर सम्मेलन है. मैं वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने के लिए नहीं जा रहा हूं. मैं वहां एससीओ के एक अच्छे सदस्य के रूप में जा रहा हूं.’
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध वर्तमान में अपने सबसे निचले स्तर पर हैं. साल 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद इस्लामाबाद ने नई दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया था. पुलवामा आतंकी हमले के बाद फरवरी 2019 में भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के टेररिस्ट ट्रेनिंग कैंप पर हमला करने के बाद संबंध पहले से ही तनाव में थे. पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे.