भारत माला परियोजना के करोड़ों के मुआवजा घोटाले की आरोपी उमा तिवारी को झटका, कोर्ट ने खारिज की अंतरिम ज़मानत

रायपुर, महत्वाकांक्षी भारत माला सड़क परियोजना जो दुर्ग से विशाखापत्तनम व मुंबई से कलकत्ता तक बनाई जा रही है जो रायपुर जिले के अभनपुर क्षेत्र से गुज़र रही हैं जिसमें भू अर्जन हेतु राजपत्र में सूचना प्रकाशन के पश्चात जमीन दलाल हरमीत सिंह खनुजा ने जमीन दलालो व राजस्व अधिकारियों का सिंडिकेट बनाकर बड़ी- बड़ी जमीनो को छोटे- छोटे टूकडो मे बदलकर तत्कालीन भू अर्जन अधिकारी निर्भय साहू तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक व पटवारियों से मिलकर मुआवजा घोटाला कर सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान शासन को पहुंचाया है
जिसमें ACB, EOW ने शासकीय अधिकारियों व घोटाले में शामिल जमीन दलालो पर अपराध दर्ज कर जमीन दलाल हरमीत सिंह खनुजा, विजय जैन, उमा तिवारी व उसके पति कैदार तिवारी को ढाई माह पूर्व गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है ईसमे ठाकुर राम चंद्र स्वामी, जैतु साव मठ का मुआवजा दौ करोड़ तेरह लाख अठाईस हजार पांच सौ पैंसठ रुपए बना था जिसे उर्वशी तिवारी ने उमा तिवारी पिता स्व. विश्व नाथ पांडेय बनकर झुठा आवेदन व शपथ पत्र देकर तत्कालीन भू अर्जन अधिकारी निर्भय साहू से मिली भगत कर शासन से ले लिया गया था जबकि उमा तिवारी के पिता नंद कुमार तिवारी जिवित है और ग्राम कंझेटा जिला कबीर धाम जिले में रहते हैं करोड़ों का मुआवजा हड़पने के लिए उर्वशी ने नाम बदलकर उमा तिवारी व अपने पिता का नाम बदल कर विश्वनाथ पांडे रख लिया,उक्त मुआवजा राशि वास्तव मे राम चंद्र स्वामी मंदिर , जैतु साव मठ के नाम पर अवार्ड पारित होने से मंदिर को मिलना था ,
जिसे हरमीत सिंह खनुजा व विजय जैन के साथ मिलकर उमा तिवारी ने सबसे पहले जिला रिकॉर्ड रुम के नामांतरण पंजी में स्व. विश्वनाथ पांडेय की पुत्री उमा तिवारी पति कैदार तिवारी होना बताकर व विश्वनाथ पांडे की संपत्ति ग्राम उगेतरा मे मंदिर से ख़रीदना बताकर , ग्राम उगेतरा की वर्ष 1986 की राजस्व नामांतरण पंजी मे कुटरचना कर सन 2000 मे उमा तिवारी पति कैदार तिवारी का नाम पर चढ़ा दिया गया जबकि उक्त वर्ष में उमा तिवारी की उम्र मात्र छै वर्ष थी छै वर्ष की उम्र में पति का नाम पर मंदिर की भूमि नामांतरण पंजी में दर्ज देखकर जाँच अधिकारियों का माथा ठनका तब सुक्षम जाँच में उमा तिवारी की शादी वर्ष 1998 में होने की बात सामने आयी , जबकि नामांतरण पंजी में बारह साल पहले 86 में ही पति कैदार तिवारी का नाम दर्ज कर दिया गया था , फिर कबीर धाम जिले से पहली व छठवीं कक्षा की दाखिला पंजी निकालने से पता चला कि उमा तिवारी का असली नाम ओंकारेश्वरी है जिसे मंदिर का मुआवज़ा हड़पने के लिए अपना नाम बदल दिया गया था, शासन का मुआवजा सवा दौ करोड़ ICICi बैंक महासमुंद के खाते मे आते ही तत्काल हरमीत सिंह खनुजा व विजय जैन गोलबाजार के खाते में ट्रांसफ़र कर दिया गया, एस .डी .एम . निर्भय साहू के लिए आभुषण ज्वेलर्स से तीस लाख का सौने का बिस्किट ख़रीदा गया.. हाईकोर्ट ने eow, acb सहित मंदिर ट्रस्ट कमेटी के सत्यनारायण शर्मा, अजय तिवारी को अपना पक्ष एक माह में रखने नोटिस जारी किया है..मंदिर ट्रस्ट कमेटी शीघ्र ही भू माफियाओं द्वारा मंदिर व शासन की राशि हड़पकर ख़रीदी गई संपत्ति को जप्त कर वसुली करने की माँग की गई है..।