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Seshadri Chari: कौन हैं उपराष्ट्रपति पद के मजबूत दावेदार शेषाद्रि चारी? जानिए सबकुछ

Seshadri Chari: देश के राजनीतिक गलियारों में इस समय सबसे बड़ी चर्चा उपराष्ट्रपति पद को लेकर हो रही है। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया। धनकड़ के इस्तीफे के बाद भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) एक ऐसे नाम पर सहमति बनाने की कोशिश में हैं, जो अनुभव के साथ संगठनात्मक मजबूती का भी प्रतीक हो।

इसी बीच, RSS के पुराने और भरोसेमंद चेहरे शेषाद्रि रामानुजन चारी का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। दक्षिण भारत से आने वाले चारी को भाजपा के लिए न सिर्फ वैचारिक मजबूती बल्कि राजनीतिक संतुलन का अहम चेहरा माना जा रहा है।

कौन हैं शेषाद्रि चारी? (Who is Seshadri Chari?) शेषाद्रि चारी का जन्म मुंबई में हुआ है, लेकिन उनका परिवार तमिलनाडु के तंजावुर से जुड़ा है। वे लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं और विचारधारा के मजबूत समर्थक माने जाते हैं। चारी न केवल राजनीतिक विश्लेषक के रूप में पहचाने जाते हैं बल्कि विदेश नीति के मामलों में भी उनकी गहरी समझ है।

उपराष्ट्रपति की रेस में आगे, शेषाद्रि चारी एक भारतीय राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक और रणनीतिक और विदेश नीति विश्लेषक हैं। वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं। चारी वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य हैं और पूर्व में भाजपा मुख्यालय में विदेश मामलों के प्रकोष्ठ के प्रमुख रह चुके हैं।

RSS के पुराने चेहरे शेषाद्रि चारी साल 1992 से 2004 तक संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइज़र के संपादक रहे। इस दौरान उन्होंने संघ की नीतियों और विचारों को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने का काम किया। उनकी पहचान एक सख्त अनुशासन वाले और संगठन के प्रति समर्पित नेता के रूप में है।

शिक्षा और अनुभव चारी की पढ़ाई साउथ इंडियन एजुकेशन सोसाइटी हाई स्कूल से शुरू हुई। इसके बाद उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से बी.कॉम, एलएलबी और इतिहास में एमए की डिग्री हासिल की। चारी ने यहीं से अपनी शैक्षणिक नींव मजबूत की और बाद में मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन से पीएचडी पूरी की। उनके शोध का विषय हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और इस इलाके में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर भारत की रणनीति था। यह शिक्षा और शोध कार्य उन्हें विदेश नीति और रणनीतिक मामलों का गहरा जानकार बनाता है। वे हिंदी, तमिल, मराठी और अंग्रेजी भाषाओं में पारंगत हैं और विदेश नीति के मामलों में उनका विशेष अनुभव है।

उपराष्ट्रपति के नाम पर असमंजस बरकरार मीडिया रिपोर्टे की माने तो भाजपा और RSS के भीतर शेषाद्रि चारी के नाम पर सहमति बनती दिख रही है। चारी के नाम पर विचार केवल उनके अनुभव को देखते हुए नहीं हो रहा, बल्कि पार्टी इसे दक्षिण भारत में अपने विस्तार के लिए भी अहम कदम मान रही है। हालांकि, संपर्क करने पर बीजेपी के सूत्रों ने ऐसी किसी सूचना होने से इनकार कर दिया है।

 

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