CG SAMAJ KALYAN GHOTALA : CBI intensifies investigation, possible crackdown on retired officers
रायपुर, 20 दिसंबर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित समाज कल्याण घोटाले की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है। हाईकोर्ट के आदेश पर चल रही सीबीआई जांच में अब तक स्टेट रिसोर्स सेंटर (SRC) के खर्चों की गहन पड़ताल की जा चुकी है, जिसमें कई अनियमितताएं सामने आने की बात कही जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने तीन माह पहले समाज कल्याण विभाग के कार्यालय से संबंधित सभी अहम फाइलें जब्त कर ली थीं। जांच का फोकस दिव्यांगों के कल्याण के लिए मिलने वाले केंद्रीय अनुदान और उसके उपयोग पर है। इसी उद्देश्य से स्टेट रिसोर्स सेंटर के नाम से एक एनजीओ बनाया गया था, जिसका कार्यालय माना क्षेत्र में स्थित है। सीबीआई टीम ने मौके पर जाकर कार्यालय की व्यवस्थाओं और सुविधाओं का भी निरीक्षण किया है।
जांच में आरोप है कि इस एनजीओ के जरिए फर्जी नियुक्तियां की गईं और कर्मचारियों के वेतन के नाम पर बड़े पैमाने पर गबन किया गया। दावा किया गया है कि करीब 14 वर्षों तक फर्जी बिल, डबल सैलरी और कागजी कर्मचारियों के जरिए सरकारी फंड का दुरुपयोग होता रहा। फिलहाल बिल, वाउचर और कर्मचारियों से जुड़े दस्तावेजों का सत्यापन जारी है, जिसमें अनियमितताएं पाए जाने की जानकारी है।
हालांकि कुछ सूत्रों का यह भी कहना है कि जिस घोटाले को करीब एक हजार करोड़ रुपये का बताया जा रहा है, उसका वास्तविक खर्च अब तक करीब पांच करोड़ रुपये के आसपास ही सामने आया है। इस बिंदु पर भी सीबीआई की जांच जारी है।
सबसे अहम बात यह है कि जांच एजेंसी जल्द ही समाज कल्याण विभाग से जुड़े कई अफसरों को तलब कर सकती है, जिनमें से कई अधिकारी रिटायर हो चुके हैं। ये वही अफसर हैं जो अलग-अलग समय पर स्टेट रिसोर्स सेंटर के कार्यों की निगरानी कर रहे थे।
सूत्रों के अनुसार इस मामले में पूर्व मंत्री रेणुका सिंह, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, सुनील कुजूर सहित 7 आईएएस अधिकारियों की संलिप्तता के आरोप लगाए गए हैं। हालांकि सीबीआई की ओर से अभी तक किसी नाम की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
