
REPO RATE : RBI’s big decision – EMI remains as it is
रायपुर/मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की 4 से 6 अगस्त तक हुई बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को घोषणा की कि ब्याज दरें 5.5% पर स्थिर रहेंगी, जिससे लोन महंगे नहीं होंगे और EMI पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा।
इससे पहले जून में RBI ने रेपो रेट 0.50% घटाकर 5.5% किया था। फरवरी से जून के बीच तीन बार में कुल 1% की कटौती की गई है। गवर्नर ने बताया कि सभी MPC सदस्यों ने दरें स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया। टैरिफ अनिश्चितता और ग्लोबल ट्रेड की चुनौतियों को देखते हुए यह फैसला लिया गया।
आर्थिक गतिविधियों के लिए अनुकूल माहौल
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि मानसून अच्छा चल रहा है और त्योहारों का सीजन नजदीक है, जो अर्थव्यवस्था में तेजी लाने में मदद करेगा। भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं कुछ कम हुई हैं, जिससे भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।
बाजार में स्थिरता और निवेश को बढ़ावा
त्रेहान आइरिस के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अमन त्रेहान ने कहा कि रेपो रेट स्थिर रखने से बाजार में आवश्यक स्थिरता आएगी और बड़े निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 6.5% GDP ग्रोथ अनुमान बरकरार रहना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी सकारात्मक है।
रेपो रेट क्यों अहम है?
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। दरें बढ़ने पर लोन महंगे हो जाते हैं और मनी फ्लो घटता है, जिससे महंगाई पर काबू पाया जाता है। दरें घटने पर लोन सस्ते होते हैं और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आती है।
MPC की संरचना और बैठकें
मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में 6 सदस्य होते हैं 3 RBI से और 3 केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त। बैठक हर दो महीने में होती है। इस वित्त वर्ष में कुल 6 बैठकें तय हैं, जिनमें पहली बैठक 7-9 अप्रैल को हुई थी।