बस्तर : बीते दिनों हनी बेजर और सबसे छोटे प्रजाति का हिरण देखा गया था. इसी बीच एक दुर्लभ प्रजाति का सांप भी देखा गया है. कुछ महीनो पहले ही बस्तर में एक दुर्लभ प्रजाति का सांप देखा गया था. मिली जानकारी के मुताबिक मई के महीने में दंतेवाड़ा जिले में एक अनोखे दुर्लभ प्रजाति का सांप देखा गया था, इस सांप को एरो हेडेड ट्रिंकेट यानि Arrow-headed trinket के नाम से जाना जाता है.
मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में एरो हेडेड ट्रिकेंट सांप पहली बार देखा गया है. बताया जा रहा है कि जब इसे पकड़ा गया,तो इसकी पहचान करने के बाद उसे घने जंगलों में छोड़ दिया गया था. दंतेवाड़ा के NMDC प्लांट के 10-11 में इस सर्प को देखा गया था, जिसकों पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम को बुलाया गया, टीम ने बेहद ही मेहनत करने के बाद सांप को पकड़ने में सफलता पाई. सर्प को पकड़ने के बाद उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल की गई. तब पता चला कि यह बेहद दुर्लभ प्रजाति का सांप है.
घने जंगलों से घिरे छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में एक दुर्लभ प्रजाति के सांप को देखा गया है. यह सांप देखने में बेहद खूबसूरत होता है. छत्तीसगढ़ के बस्तर में जैव विविधता का अनुकूल माहौल है ,यहाँ बीते कुछ महीनो में ऐसे दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीव देखे गए हैं, सर्प को पकड़ने के बाद उसे बैलाडीला के घने जंगल में छोड़ दिया गया. जानकारों के मुताबिक यह सांप चिड़िया, मेंढ़क, गिरगिट, छिपकली, और चूहा खाता है, हल्के भूरे और चितकबरे रंग का यह सांप देखने में बहुत सी सुंदर लगता है. वन विभाग के लोगों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में एरो हेडेड ट्रिकेंट सांप के मिलने का यह पहला पुख्ता प्रमाण है ,क्योंकि पहली बार इसे दंतेवाड़ा देखा गया है.
यह सांप देखने में जितना सुंदर होता है,उतना ही शर्मिला होता है. यही नहीं इसके दांतों में विष भी नहीं होता है. यह अधिकतर पहाड़ी इलाको में पाया जाता है. वृक्ष की टहनियों, पानी और जमीन में भी यह रहता है, छत्तीसगढ़ में इस प्रकार की दुर्लभ प्रजाति का सर्प पहली बार मिला है, जानकारों ने मुताबिक कि यह बेहद ही शर्मीले किस्म का सर्प होता है, जो पेड़ की टहनियों और भूमि दोनों जगह रहता है.