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राज्यसभा सदस्य तिवारी ने मोदी सरकार पर जमकर साधा निशाना, 9 साल पर पूछे 9 सवाल

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल का 9 साल पूर्ण होने को है लेकिन इससे पहले कांग्रेस के सांसद और राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने मोदी सरकार पर जम कर निशाना साधते हुए शनिवार को राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मोदी की भाजपा सरकार ने 2014 के चुनाव में सत्ता में आई और लोगों को महंगाई कम करने का झूठा वादा किया लेकिन आज महंगाई अपने चरम सीमा पर है। देश में अव्यवस्था और तानाशाही का राज चल रहा है। उन्होंने मोदी सरकार के 9 साल पूर्ण होने को लेकर 9 सवाल भी पूछे। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम, प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला, धनंजय सिंह ठाकुर, विनोद तिवारी के अलावा अन्य कांग्रेसजन उपस्थित थे।

तिवारी ने पूछा कि ऐसा क्यों है कि देश में महंगाई और बेरोजगारी आसमान छू रही है? क्यों अमीर और अमीर हुए हैं और गरीब और गरीब ? सार्वजनिक संपत्तियों को मोदी जी के मित्रों को क्यों बेचा जा रहा है? काले कृषि कानूनों को रद करते समय किसान संगठनों के साथ हुए समझौतों को अभी तक लागू नहीं किया गया है ? एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं दी गई ? पिछले 9 सालों में भी किसानों की आय क्यों दोगुनी नहीं हुई? भ्रष्टाचार / मित्रवाद: अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए एलआईसी और एसबीआई में जमा जनता के खून पसीने की कमाई को दांव पर लगा दिया? आप चोरों को क्यों भागने दे रहे हैं? आप भाजपा शासित राज्यों में हुए भ्रष्टाचार पर चुप क्यों हैं।

चीन को लाल आँख दिखाने की बात करने वाले प्रधानमंत्री ने उसे 2020 में क्लीनचिट दे दी, जबकि वह आज भी हमारी जमीन पर कब्जा करके बैठा है? चीन के साथ 18 बैठकें हुई हैं, फिर भी वह क्यों आक्रमक रवैया अपना रहे। चुनावी फायदे के लिए जानबूझकर बंटवारे की राजनीति को हवा दे रहे हैं और समाज में डर का माहौल बना रहे हैं? 2014 के बाद से नफरत से संबंधित अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है।

पिछले 9 सालों में संवैधानिक और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया गया विपक्षी दलों और नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई क्यों की जा रही है? अरूणाचल प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और मणिपुर में धन-बल का दुरुपयोग करके हानी हुई सीबीआई और ईडी के 95 प्रतिशत मामले उन राजनेताओं के खिलाफ हैं, जो विपक्षी दलों के हैं।

ऐसा क्यों है कि बजट में कटौती करके मनरेगा जैसी जनकल्याण की योजनाओं को कमजोर किया गया? गरीब, आदिवासी एवं जरूरतमंदों के सपनों को क्यों कुचला जा रहा है? कोरोना के कारण 40 लाख लोगों की मौत के बाद उनके परिवारों को मुआवजा देने से मना कर दिया गया? क्यों अचानक लॉकडाउन करके लाखों कामगार साथियों को घर जाने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया ?

कोविड- 19 को लेकर श्री राहुल गांधी की शुरुआती चेतावनियों को नजरअंदाज किया। तिमाही जीडीपी 21 प्रतिशत गिर गई और एक खतरनाक मानवीय संकट पैदा हो गया। 4 करोड़ प्रवासी श्रमिक सड़कों पर आ गए। विनाशकारी दूसरी लहर के लिए ठीक से तैयारी नहीं हुई ऑक्सीजन, दवाइयों और हॉस्पिटल बेड्स की कमी के कारण भारत में सबसे अधिक 47 लाख लोगों की मौत हुई है।

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