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रक्षा मंत्री डोंग जून से मिले राजनाथ सिंह; इन मुद्दों को लेकर हुई बातचीत

नई दिल्ली। भारत और चीन ने सैन्य विवाद को सुलझा कर द्विपक्षीय रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में अपनी कोशिश तेज कर दी है। बुधवार को दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की अगुवाई में आधिकारिक बैठक लाओस में हुई है। इस बैठक को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बेहद रचनात्मक करार दिया है और आपसी भरोसे बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ने की बात कही है।

चीनी रत्रा मंत्री से राजनाथ सिंह की मुलाकात

राजनाथ सिंह की चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के साथ यह मुलाकात विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बैठक के 48 घंटे बाद हुई है। जयशंकर और वांग यी के रियो डी जनेरो में बैठक हुई थी जिसमें कैलास मानसरोवर यात्रा की शुरुआत करने, दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा शुरू करने जैसे मुद्दों पर बात हुई थी।

भारत-चीन के बीच सुधर रहे हालात

भारत और चीन के बीच स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा के कुछ हिस्सों पर सैन्य विवाद अप्रैल, 2020 से चल रहा था। इसे सुलझाने में अंतिम सफलता 21 अक्टूबर, 2024 को पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई हुई बैठक में मिली। उसके बाद जिन स्थलों पर दोनों देशों के सैनिक अभी तक तैनात थे, उन्हें हटा लिया गया है और दोनों तरफ की सेनाएं तनाव शुरू होने से पहले वाली स्थिति में करने लगी हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने भी कहा है कि शीर्ष नेताओं के बीच सहमति के आधार पर अब संतोषजनक कदम उठाये जा रहे हैं। इस क्रम में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक अहम माना जा रहा है। अब दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के स्थाई हल के लिए नामित विशेष प्रतिनिधियों के बीच बैठक शुरू होने की संभावना है।

क्या बोले राजनाथ सिंह?

राजनाथ सिंह ने कहा है कि वियनतियाने में चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के साथ बहुत ही उत्पादक बैठक हुई है। आपसी भरोसा व समझ बढ़ाने के लिए हमारे बीच रोडमैप बनाने की सहमति बनी है।
राजनाथ ने यह बात भी दोहराई है कि भारत व चीन के रिश्ते वैश्विक शांति व संपन्नता के लिए जरूरी है। यह बात विदेश मंत्री जयशंकर ने भी चीन के विदेश मंत्री के साथ बैठक में कही थी। रक्षा मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक राजनाथ सिंह ने वर्ष 2020 के एलएसी पर दुर्भाग्यपूर्ण हिंसक झड़प से सबक सीखते हुए आगे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करने और भारत-चीन सीमा पर अमन व शांति स्थापित करने की बात कही है। उन्होंने सैन्य तनाव घटाने कर आपसी भरोसा बढ़ाने की बात कही है।

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