RAIPUR CENTRAL JAIL : 44 prisoners in Central Jail became priests, learning astrology and Ayurveda, jail became a permanent examination center
रायपुर, 30 मई 2025। RAIPUR CENTRAL JAIL रायपुर सेंट्रल जेल से एक अनोखी और प्रेरणादायक कहानी सामने आई है। जेल की चारदीवारी में बंद कैदी अब सिर्फ अपने अपराध की सजा नहीं काट रहे, बल्कि ज्योतिष, आयुर्वेद और पुरोहित कर्मकांड जैसे विषयों की पढ़ाई कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की कोशिश कर रहे हैं।
जेल अधीक्षक योगेश सिंह क्षत्री ने बताया कि जेल में 291 बंदी विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत हैं। इनमें से 44 बंदी, जो ज्यादातर हत्या जैसे गंभीर अपराधों में सजा काट रहे हैं, संस्कृत विद्यामंडलम रायपुर के अंतर्गत ज्योतिष, आयुर्वेद और पुरोहित कर्मकांड की पढ़ाई कर रहे हैं।
44 बंदी बनेंगे पुरोहित
RAIPUR CENTRAL JAIL जेल में शिक्षा की यह व्यवस्था संस्कृत विद्यामंडलम की मदद से चलाई जा रही है, जिसमें छठवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के स्तर पर वेद, ज्योतिष, आयुर्वेद और कर्मकांड की पढ़ाई कराई जाती है। 44 बंदी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उत्तर मध्यमा (बारहवीं) की परीक्षा पास कर चुके हैं। जेल प्रशासन का कहना है कि इन बंदियों को धार्मिक अनुष्ठानों में दक्ष बनाने के लिए यह शिक्षा बेहद उपयोगी साबित होगी।
शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी
RAIPUR CENTRAL JAIL जेल में इस बार शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी सफलता मिली है। 291 बंदियों ने ओपन स्कूल, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षाओं में हिस्सा लिया, जिनमें से 128 बंदी मिडिल से हाईस्कूल की परीक्षा में सफल हुए हैं। वहीं, 31 बंदियों ने स्नातक और स्नातकोत्तर की परीक्षाएं पास की हैं।
जेल बना स्थायी परीक्षा सेंटर
RAIPUR CENTRAL JAIL बंदियों को परीक्षा देने के लिए बाहर न जाना पड़े, इसके लिए रायपुर सेंट्रल जेल को ही स्थायी परीक्षा केंद्र बना दिया गया है। इस सेंटर को छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल, एनआईओएस, संस्कृत विद्यामंडलम रायपुर, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय और इग्नू की मान्यता प्राप्त है।
जेल प्रशासन ने बताया कि कैदियों को शिक्षा और कौशल विकास से जोड़कर मुख्यधारा में वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि वे सजा पूरी करने के बाद एक सम्मानजनक जीवन जी सकें।
