PUNJAB BANDH : किसानों के प्रदर्शन से 221 ट्रेनें प्रभावित, हाईवे जाम और सुरक्षा कड़ी

PUNJAB BANDH: 221 trains affected due to farmers’ protest, highway jam and security tightened
पंजाब में आज किसानों का बंद है. किसानों के पंजाब बंद का बड़ा असर रेल यातायात पर देखने को मिल रहा है. किसानों के प्रदर्शन की वजह से 221 ट्रेनें या तो रद्द हो गई हैं या उनका रूट डाइवर्ट किया गया है.
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा की अगुवाई में बंद बुलाया गया है. यह बंद सुबह सात बजे से चार बजे तक रहेगा. इस दौरान मेडिकल केयर सहित जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी. फसलों की एमएसपी के गारंटी कानून समेत 13 मांगों को लेकर किसानों के आंदोलन के समर्थन में आज पंजाब बंद है.
पंजाब में 200 जगह सड़कें जाम हैं. जालंधर-दिल्ली नेशनल हाईवे और अमृतसर-दिल्ली हवाई पर किसान बैठे हुए हैं. मोहाली में एयरपोर्ट रोड ब्लॉक कर दिया गया है. कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब के मोहाली जिले में लगभग 600 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है.
इस बंद का एसजीपीसी समेत कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने भी समर्थन किया है. एक किसान नेता का कहना है कि पंजाब बंद के दौरान इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी. इसके अलावा किसी शादी समारोह में जाने वाले व्यक्ति व परिवार को नहीं रोका जाएगा. पंजाब में सर्दी की छुट्टी के चलते पहले ही स्कूल बंद है. पंजाब यूनिवर्सिटी ने बंद के चलते परीक्षाओं को सोमवार की जगह मंगलवार को कराने का फैसला लिया है. बस सेवाओं से जुड़े संगठनों की तरफ से बताया गया है कि सोमवार शाम चार बजे के बाद सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी.
बता दें कि इसके साथ ही 15 ट्रेनें देरी से चल रही हैं जबकि नौ ट्रेनों को रोककर चलाया जा रहा है. रोककर चलाई जाने वाली ट्रेनों को ऐसे स्थानों पर रोका जाएगा, जहां रेलयात्रियों को कोई असुविधा का सामना ना करना पड़े.
डीआरएम दफ्तर फिरोजपुर के अधिकारियों ने बताया कि रेलयात्रियों को प्रभावित ट्रेनों की जानकारी मिलती रहेगी. इसके लिए स्टेशनों पर हेल्प डेस्क की व्यवस्था और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लगातार जानकारी दी जाएगी.
वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन पिछले 34 दिन से जारी है. खनौरी में किसान नेताओं ने कहा कि वे अपना विरोध जारी रखने के लिए गांधीवादी तरीके का पालन कर रहे हैं और ये सरकार को तय करना है कि वह उनके नेता को हटाने के लिए बल प्रयोग करना चाहती है या नहीं.