SHIV MAHAPURAN KATHA : Controversy escalates to the point of uprooting the pandal, uproar over the tent during Pt. Pradeep Mishra’s Katha
रायपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के नगपुरा गांव में चल रही प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा उस वक्त विवादों में आ गई, जब आयोजन समिति और टेंट हाउस संचालक के बीच पैसों को लेकर तनाव बढ़ गया। हालात इतने बिगड़ गए कि टेंट संचालक ने पंडाल उखाड़ने की कोशिश तक कर डाली।
दरअसल, कथा आयोजन के लिए 1 करोड़ 15 लाख रुपए में टेंट-डोम लगाने की डील हुई थी, लेकिन अब तक टेंट हाउस को केवल 25 से 30 लाख रुपए ही मिले हैं। इसी को लेकर दोनों पक्षों के बीच रोजाना रात में विवाद की स्थिति बन रही थी।
शनिवार सुबह विवाद फिर भड़क उठा और टेंट हाउस संचालक अपने स्टाफ के साथ डोम हटाने पहुंच गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। एएसपी पद्मश्री और हेम प्रकाश नायक ने साफ कहा कि कथा शुरू होने के बाद किसी भी हाल में टेंट नहीं हटाया जाएगा, क्योंकि इससे भगदड़ जैसी गंभीर स्थिति बन सकती है।
टेंट संचालक का आरोप
नागपुर के कर्मा टेंट हाउस के संचालक नरेंद्र कुमार साहू ने बताया कि सवा करोड़ में काम तय हुआ था, लेकिन रोजाना सिर्फ 2-3 लाख रुपए ही दिए जा रहे हैं। भुगतान नहीं होने से ट्रांसपोर्ट और मजदूरी का खर्च निकालना मुश्किल हो गया था। इसी कारण टेंट को लगभग 15 प्रतिशत छोटा भी करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि अब समिति से बातचीत हो गई है और शाम तक बाकी भुगतान देने का आश्वासन मिला है, जिसके बाद विवाद फिलहाल शांत हो गया है।
आयोजन समिति ने बताया मामूली मामला
आयोजन समिति की सदस्य प्रिया साहू ने विवाद को सामान्य बताते हुए कहा कि बड़े धार्मिक आयोजनों में व्यवस्थाओं को लेकर छोटी-मोटी बातें होती रहती हैं। कथा निर्विघ्न चल रही है और पंडाल हटाने जैसी कोई स्थिति नहीं है।
वहीं समिति के पदाधिकारी और नगपुरा के पूर्व सरपंच भूपेंद्र रिगरी ने कहा कि टेंट संचालक को समय-समय पर भुगतान किया जा रहा है। कोई लिखित अनुबंध नहीं है, लेकिन विवाद आपसी सहमति से सुलझाया जा रहा है।
फिलहाल प्रशासन की मौजूदगी में कथा शांतिपूर्वक जारी है और हजारों श्रद्धालु शिव महापुराण कथा का श्रवण कर रहे हैं।
