POLITICS : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच चल रही तनातनी पर पीएम का तंज
POLITICS: PM’s taunt on ongoing tussle between Chief Minister Ashok Gehlot and former Deputy CM Sachin Pilot
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के दौरे पर हैं. पीएम मोदी ने बुधवार (10 मई) को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच चल रही तनातनी को लेकर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आपस में लड़ाई हो रही है तो ऐसे में राजस्थान का विकास कैसे होगा?
पीएम मोदी ने माउंट आबू के आबूरोड में जनसभा करते हुए कहा, ”ये कैसी सरकार है जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं है? ये कैसी सरकार है जहां विधायकों को अपने सीएम पर ही भरोसा नहीं है? सरकार के भीतर सब एक-दूसरे को अपमानित करने की होड़ में हैं. जब कुर्सी पूरे 5 साल संकट में ही पड़ी रही हो तो ऐसे में राजस्थान के विकास की किसे परवाह होगी?”
दरअसल कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने गहलोत के उन आरोपों का खंडन किया कि 2020 में बगावत करने वाले विधायकों ने बीजेपी से पैसे लिये थे. उन्होंने मंगलवार (9 मई) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि गहलोत का हालिया भाषण यह दर्शाता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं, बल्कि वसुंधरा राजे हैं. वो गहलोत पर वंसुधरा राजे की सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार पर कार्रवाई ना करने को लेकर भी लगातार हमला कर रहे हैं.
अशोक गहलोत ने क्या कहा था? –
अशोक गहलोत ने रविवार (7 मई) को धौलपुर में कहा था कि उनकी सरकार 2020 के राजनीतिक संकट से बच गई, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने उनकी (गहलोत) सरकार गिराने के षडयंत्र का समर्थन नहीं किया.
उन्होंने यह भी कहा था कि उस वक्त जिन विधायकों ने बीजेपी से जो पैसे लिये थे, उन्हें ये पैसे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लौटा देने चाहिए. इस, पर पायलट ने जवाब देते हुए कहा था कि अपने (कांग्रेस) नेताओं पर आरोप लगाना गलत है.
सचिन पायलट ने क्या जवाब दिया? –
अपने गुट के विधायक हेमाराम चौधरी और बृजेंद्र ओला का जिक्र करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि जिन लोगों पर आरोप लगाये जा रहे हैं वे 30-40 साल से सार्वजनिक जीवन में हैं. चौधरी और ओला इस समय गहलोत सरकार में मंत्री हैं. उन्होंने कहा कि इन सब लोगों पर इस प्रकार के आरोप लगा देना गलत है. मैं इन बेबुनियाद और झूठे आरोपों को सिरे से नकारता हूं.
2020 में बगावत क्यों हुई थी? –
साल 2020 की बगावत का जिक्र करते हुए पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह खुद और उनके कुछ सहयोगी (विधायक) राज्य के नेतृत्व में बदलाव चाहते थे, इसलिए वे 2020 में दिल्ली गए और पार्टी के सामने अपने विचार रखे. इसके बाद कांग्रेस ने एक कमेटी बनाई और इस मुद्दे के समाधान के लिए एक रोडमैप तैयार किया.
बता दें कि 2020 में पायलट उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे. पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने जुलाई 2020 में गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था. यह मामला पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद सुलझा था. इसके बाद पायलट को डिप्टी सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था.