POLITICS : इस साल के अंत में हिमाचल में होने हैं चुनाव, जेपी नड्डा ने की कांग्रेस के दिग्गज नेता से मुलाकात, सियासी हलचल तेज

POLITICS: Elections are to be held in Himachal at the end of this year, JP Nadda meets veteran Congress leader, political stir intensifies
डेस्क। हिमाचल प्रदेश चुनाव से पहले सियासी उलटफेर के कयास लगने शुरू हो गए हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है. सूत्रों के मुताबिक आनंद शर्मा ने गुरुवार शाम को जेपी नड्डा से मुलाकात की है.
इस साल (2022) के अंत में हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने हैं. इसलिए इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है. बता दें कि आनंद शर्मा कई बार पार्टी नेतृत्व के सामने अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. वे कांग्रेस नेतृत्व से नाखुश होकर बनाए गए जी-23 ग्रुप के सदस्य भी हैं.
जेपी नड्डा और आनंद शर्मा की मुलाकात को हिमाचल प्रदेश के राजनैतिक समीकरण से जोड़कर देखा जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में आनंद शर्मा के बीजेपी में शामिल होने को लेकर भी बातचीत हुई. हालांकि, सियासी हलचल बढ़ने के बाद आनंद शर्मा का बयान भी आ गया.
आनंद शर्मा ने मुलाकात पर कहा कि अगर मुझे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने का पूरा अधिकार है. मेरे लिए वह भाजपा अध्यक्ष नहीं हैं. हम दोनों एक ही राज्य से आते हैं और हमने एक साथ पढ़ाई की है. इस मुलाकात का कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकालना चाहिए.
बता दें कि कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में बतौर सांसद 7 फरवरी को आखिरी वक्तव्य दिया था. इस मौके पर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आनंद शर्मा ने अपने विचार रखे थे. उन्होंने कहा था कि जिस किसी ने भी राष्ट्रपति का अभिभाषण लिखा है, उसे जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए. आनंद शर्मा ने कहा था कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में राष्ट्रीय सुरक्षा का जिक्र नहीं है, ये बेहद चिंता की बात है. क्या संसद को इसकी जानकारी नहीं दी जानी चाहिए.
आनंद शर्मा ने आगे कहा था कि जिसने भी यह भाषण लिखा है, उसने राष्ट्रपति के साथ नाइंसाफी की है. इस दौरान उन्होंने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय समर स्मारक में विलय करने पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा था कि मैं भी हिन्दू मान्यताओं को मानने वाला व्यक्ति हूं. घर के बाहर संविधान मेरा धर्मग्रंथ है, लेकिन घर में मैं पूजा पाठ करता हूं. ज्योति एक बार जलाई जाती तो वो वहीं रहती है. उसे कहीं और नहीं ले जाया जाता है.