POLITICAL NEWS: आखिर क्यों टल रही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव, जानिए डिटेल्स

POLITICAL NEWS: नई दिल्ली। जनवरी में होने वाले भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव में देरी और 21 से 23 मार्च तक बेंगलुरू में होने जा रहे आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक को देखते हुए नए अध्यक्ष का चुनाव अप्रैल तक टलने की आशंका है।
प्रतिनिधि सभा की बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष भी मौजूद रहेंगे। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए आधे से अधिक राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव होना जरूरी है। लेकिन अभी तक 12 राज्यों में ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो पाया है।
प्रदेश अध्यक्ष चुनावों के लिए नहीं तय की गई समय सीमा
प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव पूरा करने के लिए कोई समय-सीमा भी तय नहीं की गई है। यदि जल्दी भी प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव कराये जाते हैं, तो उनकी तारीख तय करने और केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजकर चुनाव संपन्न कराने में कम से कम 10-12 दिन का समय लग सकता है।
प्रदेश अध्यक्षों के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का होगा चुनाव
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आधे से अधिक राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसे पूरा होने में लगभग 12-15 दिन लग जाएंगे। ऐसे में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अप्रैल में ही संभव हो सकेगा।
आरएसएस की बैठक भी देरी की वजह
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक की वजह से देरी की आशंका जताई जा रही है। इस बैठक में भाजपा और आरएसएस के शीर्ष नेताओं के साथ-साथ 1500 से अधिक प्रतिनिधि मौजूद होंगे।
बेंगलुरु में होगी आरएसएस की बैठक
इस बैठक की तैयारियों के सिलसिले में आरएसएस के वरिष्ठ अधिकारी 17 मार्च से ही बेंगलुरू में होंगे और 24 मार्च के बाद ही वापस लौट सकेंगे। वैसे तो राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भाजपा और आरएसएस के शीर्ष नेतृत्व के बीच कई दौर का संपर्क हो चुका है। लेकिन नए अध्यक्ष के चुनाव के पहले सलाह-मश्विरा की जरूरत पड़ेगी, जो 24 मार्च के बाद ही संभव हो सकेगा।
हिंदू नववर्ष का चुनाव से क्या कनेक्शन?
वैसे नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी के लिए एक तर्क हिंदू नववर्ष का दिया जा रहा है। हिंदू नववर्ष की शुरूआत चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा से होती है, जो इस साल 30 मार्च को है। महाकुंभ में 64 करोड़ लोगों से स्नान को हिंदू अस्मिता के जागरण से जोड़कर भाजपा अपने नए अध्यक्ष के चुनाव को जनवरी के बजाय हिंदू नव वर्ष के पहले महीने के साथ जोड़ना चाहती है।