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महिला CHO के अपहरण मामले में बड़ा खुलासा, खुद ने दोस्त के साथ मिल कर रचा था षड्यंत्र

सक्ती। जिले में महिला CHO के अपहरण मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है. महिला की अपहरण और 15 लाख रुपये की फिरौती की शिकायत मिलते ही 4 घंटों के भीतर महिला CHO को उसके पुरुष मित्र के साथ सरकंडा बिलासपुर के होटल स्वर्णभूमि देवनंदन नगर से बरामद किया. पुलिस की पूछताछ और जांच में बेहद चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं. पुलिस को पूछताछ में पता चला कि अपहरण की पूरी कहानी झूठी है. महिला ने अपने दोस्त के साथ एक मकसद लेकर सारा षड्यंत्र रचा था. पुलिस ने बताया कि महिला CHO अनुपमा जलतारे ने 27 जून को अपने दोस्त महेन्द्र जांगडे को कोरबा से सक्ती चौपाटी बुलाई और अपने छोटे भाई कालेश्वर को ठण्डा पानी लाने के बहाने भेज दी जब भाई वापस आया तो वह नहीं थी. इसके बाद महिला ने अपना फोन फ्लाइट मोड में डाल कर महेन्द्र जांगडे के नीला सफेद रंग के टी०व्ही०एस० अपाचे बाईक क्रमांक सी. जी 28 एल 0149 में बैठकर बिलासपुर निकल गई.

इधर उसके अचानक गायब होने से भाई और परिजन परेशान थे. इसी बीच रात 9:38 बजे अनुपमा के फोन से महेन्द्र जांगडे ने महिला के भाई डेगम्बर को फोन कर 28 जून को 11 बजे तक 15 लाख रुपये की व्यवस्था करके देने की मांग की. मांग पूरी नहीं करने पर अनुपमा को जान से मार कर बोरी में भेजने की बात कही. इतना ही नहीं, अनुपमा ने भी फोन पर अपने भाई से रोते हुए बात की. वहीं महिला अधिकारी के भाई ने उसके दोस्त महेन्द्र को फोन किया, तो उसने भी अपहरण करने वालों की तरफ से फोन कर फिरौती की मांग करना बताया.

दोनों हुए गिरफ्तार

पुलिस ने इलेक्ट्रानिक डिजिटल एवं मैनुवल साक्ष्य के आधार पर पाया कि महेन्द्र जांगडे और अनुपमा जलतारे की प्लानिंग थी कि, अनुपमा के घर वाले 15 लाख की ब्यवस्था नही कर पायेंगे, फिर एक दो दिन बाद महेंद्र जांगडे के साथ अपने घर जाकर परिजनों को महिला अधिकारी बताती कि महेंद्र जांगडे ने अपहरणकर्ताओ पैसा देकर उसे छुडवाया है. जिससे वह महेंद्र को घरवालों की नजरो में शादी के लिए उपयुक्त लडका साबित कर पाती. वहीं इस मामले में पुलिस ने झुठा अपहरण के लिए महेन्द्र जांगडे और महिला अधिकारी पर धारा 120 (बी), 384 के तहत कार्रवाई कर दोनों को विधिवत गिरफ्तार कर लिया है.

 

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