- राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया फैसला, चिरंगा एल्युमिनियम प्लांट को सीएमडीसी हर साल देगा 2.5 लाख टन बॉक्साइड
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने मंगलवार को राज्य के 18 में से 17 कोयला खदानों की नीलामी को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने इन खदानों का चयन किया है। इसके साथ ही राज्य कैबिनेट ने सरगुजा के चिरंगा में स्थापित हो रहे निजी एल्युमिनियम प्लांट को छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (सीएमडीसी) के माध्यम से हर वर्ष अधिकतम 2.5 लाख टन बाक्साइड अयस्क देने के लिए लांग टर्म लिंकेज पॉलिसी का अनुमोदन किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंगलवार को उनके निवास कार्यालय में हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसमें राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत फार्मास्युटिकल उद्योग में निवेश के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज का अनुमोदन किया गया। इस पैकेज का लाभ उन्हीं उद्योगों को मिलेगा जो पैकेज घोषणा की तिथि से पहले एमओयू कर चुके हैं। ऐसी इकाइयां जो अपना व्यावसायिक 15 करोड़ से अधिक का नवीन स्थायी पूंजी निवेश कर उत्पादन 31 अक्टूबर 2024 या उसके पूर्व करें।
इस पैकेज के अंतर्गत आर्थिक निवेश प्रोत्साहन के लिए घोषित अधिकतम मान्य निवेश सीमा 20 करोड़ तक देय होगी। इस पैकेज में फार्मास्युटिकल उद्योगों को विभिन्न् सुविधाएं जैसे विद्युत शुल्क में छूट, स्टांप शुल्क में छूट, ब्याज अनुदान, परियोजना प्रतिवेदन, गुणवत्ता प्रमाणीकरण और तकनीकी पैटंेंट में अनुदान आदि सुविधाएं दिए जाने का निर्णय लिया गया। यदि ये उद्योग निविदा में भाग लेती है, वांछित गुणवत्ता की दवा एल-1 दर पर प्रदान करने को तैयार होती है। तब इन उद्योगों से राज्य में क्रय की जाने वाली दवाइयों में से अधिकतम 50 प्रतिशत दवाइयां सीधे क्रय करने का निर्णय भी लिया गया।
सरकारी विभागों में होगी आयुर्वेदिक दवा व हर्बल उत्पाद की खरीदी
सरकार के सभी विभाग, उपक्रम व शासनाधीन संस्थाएं अपनी आवश्यकता और उपलब्ध बजट के तहत आयुर्वेदिक दवाओं, हर्बल उत्पादों व लघु वनोपज से प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का राज्य लघु वनोपज के माध्यम से सीधे खरीदी कर सकेंगे। कैबिनेट ने इसके लिए भंडार क्रय नियम के प्रविधान के अनुसार निविदा आमंत्रित करने की आवश्यकताओं को शिथिल किए जाने का निर्णय लिया है।
नगर निगम के हवाले बिलासपुर बस स्टैंड
बिलासपुर के सिरगिट्टी स्थित हाईटेक बस स्टैंड को बिलासपुर नगर निगम को हस्तांतरित करने का फैसला किया गया है। फिलहाल इसका संचालक सीएसआइडीसी के माध्यम से किया जा रहा है।