Pegasus espionage case: पेगासस जासूसी केस में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, कहा – ये देश की सुरक्षा का मामला, सड़क पर चर्चा के लिए नहीं…

Pegasus espionage case: नई दिल्ली। पेगासस जासूसी केस में सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाया है। टेक्निकल पैनल की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग को आज कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ी किसी भी रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया जाएगा।
पैनल की रिपोर्ट सड़कों पर चर्चा का दस्तावेज नहीं
Pegasus espionage case: पेगासस विवाद में आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यक्तिगत आशंकाओं का समाधान किया जा सकता है, लेकिन तकनीकी पैनल की रिपोर्ट सड़कों पर चर्चा का दस्तावेज नहीं हो सकती।
व्यक्तियों के साथ रिपोर्ट साझा करने पर क्या कहा?
Pegasus espionage case: जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि इस बात की जांच करनी होगी कि तकनीकी पैनल की रिपोर्ट किस हद तक व्यक्तियों के साथ साझा की जा सकती है। पीठ ने कहा, “देश की सुरक्षा और संप्रभुता को प्रभावित करने वाली किसी भी रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया जाएगा। लेकिन जो व्यक्ति यह जानना चाहते हैं कि क्या उन्हें इसमें शामिल किया गया है तो उन्हें जानकारी दी जा सकती है। हम पेगासस से प्रभावित लोगों की मांग पर विचार कर सकते हैं। लेकिन इसे सड़कों पर चर्चा का दस्तावेज नहीं बनाया जा सकता है।” शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि उसे यह जांचना होगा कि तकनीकी पैनल की रिपोर्ट को किस हद तक व्यक्तियों के साथ साझा किया जा सकता है।
सिब्बल की दलील पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?
Pegasus espionage case: याचिकाकर्ता की तरफ से बहस कर रहे वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अमेरिकी जिला अदालत का एक फैसला है। सिब्बल ने कहा, “व्हाट्सएप ने खुद ही इसका खुलासा किया है। किसी तीसरे पक्ष ने नहीं। व्हाट्सएप ने हैकिंग के बारे में बताया है।”इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेगासस स्पाइवेयर के अनधिकृत उपयोग की जांच के लिए याचिकाओं पर 30 जुलाई को अगली सुनवाई की जाएगी।
2021 में बनाया गया था टेक्निकल पैनल
Pegasus espionage case: बता दें कि याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने 22 अप्रैल को ये मामला सर्वोच्च न्यायालय के सामने उठाया था। उन्होंने कहा था कि 2021 में बनाए गए टेक्निकल पैनल की रिपोर्ट सभी को देने का निर्देश दिया गया था, लेकिन अभी तक से साझा नहीं की गई।उन्होंने सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के निर्देश देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी।
क्या है मामला?
Pegasus espionage case: दरअसल, 2019 में एक रिपोर्ट सामने आई, जिसमें दावा किया गया था कि भारत सरकार ने नेता, मंत्री, पत्रकार समेत करीब 300 लोगों की जासूसी के लिए पेगासस का इस्तेमाल किया। अगस्त 2021 में यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।