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PARLIAMENT MONSOON SESSION 2023 : संसद में हंगामे की कीमत चुका रहा देश, हर घंटे लगते है 1.5 करोड़

PARLIAMENT MONSOON SESSION 2023: The country is paying the price of uproar in Parliament, it takes 1.5 crores every hour

नई दिल्ली। इन दिनों संसद का मानसून सत्र चल रहा है। संसद में मणिपुर हिंसा को लेकर रोज हंगामे हो रहे हैं। विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर हिंसा पर बयान देने की मांग कर रहा है।

बता दे कि 20 जुलाई से मानसून सत्र की शुरूआत हुई थी, लेकिन अब तक ऐसा कोई दिन नहीं रहा है, जब संसद की कार्यवाही हंगामे के चलते बाधित न हुई हो। वहीं लगातार हंगामे के कारण बाधित हो रही कार्यवाही को देखते हुए भाजपा ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए इन कार्यवाहियों पर होने वाले खर्च का ब्यौरा जारी किया है।

भाजपा ने क्या कहा?

भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकांउट से ट्वीट कर खर्च का ब्यौरा जारी किया है। भाजपा के अनुसार संसद की कार्यवाही पर हर मिनट 2.5 लाख रुपये, हर घंटे में 1.5 करोड़ रुपये और हर दिन करीब 10.5 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। भाजपा का कहना है कि ये पैसा देश की जनता का है, जो हर दिन विपक्ष के हंगामे के कारण बर्बाद हो रहा है। विपक्ष दोनों सदनों में ना चर्चा करना चाह रहा है और न ही सदनों को सुचारू रूप से चलने दे रहा है।

संसद में लगातार जारी है हंगामा

मानसून सत्र की शुरूआत से ही विपक्ष राज्यसभा और लोकसभा में मणिपुर में हुई हिंसा और महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने की घटना पर केंद्र सरकार के रवैये पर सवाल उठा रहा है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस घटना पर बयान देने की भी मांग की है, ऐसे में रोजाना सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है और लोकसभा और राज्यसभा अध्यक्षों को कार्यवाही स्थगित करना पड़ रही है। ऐसे में अब भाजपा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए सदन चलाए जाने की मांग की है।

मणिपुर में क्यों जारी है हिंसा?

मणिपुर में कुकी और नगा समुदाय मैतेई समुदाय को जनजाति वर्ग का दर्जा देने का विरोध कर रहा है, यही कारण है कि मणिपुर हिंसा की चपेट में हैं। वहीं मानसून सत्र की शुरूआत से पूर्व दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का मामला सामने आने के बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया और विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका मिल गया।

विपक्ष ने सदन में इस मामले में चर्चा की मांग की, हालांकि जब सरकार चर्चा के लिए तैयार हुई तो विपक्ष ने नियमों का हवाला देते हुए अन्य मांगे शुरू कर दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब देने की मांग की। यही कारण है कि अब विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाने जा रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

 

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