कलियुग में संगठन शक्ति ही सबसे बड़ी है, हमें सबको साथ लेकर चलना है – मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ छग प्रान्त का हरिहर क्षेत्र, केदार द्वीप (मदकू) में 16 से 19 नवंबर 2021 को त्रिदिवसीय घोष शिविर आयोजित हुआ। घोष शिविर के समापन समारोह में 94 स्वयंसेवकों ने घोष प्रदर्शन किया। जिसमें घोष स्वयंसेवकों ने 43 रचनाओं यथा- बखान, विनायक, हररंजनी, शिवरंजनी, मंगला, भारतं, मीरा, दशमेश, पहाड़ी, सागर, वलचि, बंगश्री, सोनभद्र, कल्याणी, दशमेश, भूप केदार, साकेत, राजश्री कृष्ण, तिलंग, श्रीराम, तिलक, कामोद, टिक टिक, गोवर्धन, अजेय, कावेरी, शिवराज, शंकरा, वीरश्री, शरावती, वसुंधरा, प्रतिध्वनि, हंसध्वनि, चेतक, तथागत, माधवानिल, जन्मभूमि, मेवाड़, श्रीपाद, परमार्थ, जयोस्तुते, दीप, हरिहर का प्रदर्शन किया। इन रचनाओं में अंतिम रचना हरिहर की रचना और उसका प्रदर्शन पहली बार हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप (मदकू) में किया गया। घोष शिविर के समापन समारोह में मंच पर संघ के प. पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी, मध्य क्षेत्र के मा. संघचालक अशोक सोहनी, छत्तीसगढ़ प्रान्त के मा. संघचालक डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना एवं हरिहर क्षेत्र आश्रम के संत रामरूप दास महात्यागी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों के परिचय, आभार एवं एकल गीत के पश्चात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का उद्बोधन हुआ। अपने उद्बोधन में डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि, इस पवित्र द्वीप पर आकर अपने आपको भाग्यशाली मान रहा हूँ। आज त्रिपुरी पूर्णिमा है।
भारत का धर्म ही सत्य है और सत्य ही अपने देश का धर्म है। अपना देश विशिष्ट क्यों है ! क्योंकि हमारे ऋषियों को एक मंत्र प्राप्त हुआ वो था सत्य। पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है क्योंकि इस धरा के पास सत्य है। विविधता में एकता ही नहीं तो एकता की विविधता है। हमारे पूर्वजों ने पूरे विश्व को धर्म दिया, सत्य दिया। मेक्सिको से साइबेरिया तक हमारे पूर्वज गए लेकिन किसी को बदला नहीं बल्कि हमने उसे ज्ञान दिया। हमने किसी के स्वत्व को लूटा नहीं। अपने आप को पहचानों हम कौन हैं! तभी गुणों का विकास होगा। हिन्दू सब को अपना मानता है यहां तक कि जो उनको अपना नहीं मानता वो उनको भी अपना मानता है। कलियुग में संगठन शक्ति ही सबसे बड़ी है। हमें सबको साथ लेकर चलना है, बिना बदले जो जैसा है वैसे ही उसको अपना कर। हम सबमें उसी को देखते हैं जो हममें है। हम स्त्री को माता मानते हैं, यही हमारे देश का सुर है। हम विविधता में एकता और एकात्मता के दर्शन वाले हैं। हमें अपने देश को संवारना है और विश्व को भी सही दिशा दिखानी है।
भारत वर्ष के हम लोग सत्य के मामले में शिखर पर हैं, हम सभी को देख रहें हैं। सबको यहीं आना है। इस पवित्र हरिहर क्षेत्र में संकल्प लेना है कि हम पूरे विश्व में शांति का संदेश देंगे।
स्वयंसेवकों द्वारा प्रदर्शित घोष प्रदर्शन को देखने के लिए मुंगेली, भाटापारा, रायपुर, बिलासपुर सहित 119 गांवों के प्रमुख एवं उनकी टोली व बड़ी संख्या प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे, जो स्वयंस्फूर्त आए थे। इनमें माता-भगिनी भी अपने परिवारों के बड़ी संख्या उपस्थित थी। हरिहर क्षेत्र में यह कार्यक्रम सामाजिक समरसता और सद्भावना का संदेश देने वाला था।
घोष प्रदर्शन कार्यक्रम के समापन पश्चात सरसंघचालक जी ने समीप के शिवनाथ गंगा में दीप दान किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में आये संतों ने और नागरिकों ने भी दीप दान किया।