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अब “एम ए” हिंदू अध्ययन..में भी पढ़ाई कर सकते हैं आप जानिए कहां शुरू हुई है सुविधा..

बीएचयू में मंगलवार से एमए हिंदू अध्ययन की पढ़ाई शुरू हो गई है। बीएचयू देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां पीजी स्तर पर इस पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस बार जो 46 छात्रों ने प्रवेश लिया है, उसमें विदेशी छात्र भी शामिल हैं। भारत अध्ययन केंद्र की ओर से चलाए जा रहे पाठ्यक्रम में 19 जनवरी को कक्षाएं 11 बजे से चलेंगी।

शुरू के तीन दिन में छात्रों को पाठ्यक्रम से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। उसके बाद साप्ताहिक प्रोग्राम चलेगा। भारत अध्ययन केंद्र की ओर से पाठ्यक्रम के ऑनलाइन उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रो. वीके शुक्ला ने हिंदू अध्ययन पाठ्यक्रम को महामना पं. मदनमोहन मालवीय की संकल्पना के अनुरूप बताते हुए इसकी महत्ता को रेखांकित किया।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के निदेशक डॉ. विजय शंकर शुक्ल ने कहा कि हिंदू अध्ययन पाठ्यक्रम का सूत्र 18वीं सदी के विद्वान् पं. गंगानाथ झा से प्रारंभ होते हुए महामना मालवीय की संकल्पना में रूपांतरित होता है लेकिन किन्हीं कारणों से यह क्रम टूट गया था, जो आज इस पाठ्यक्रम के माध्यम से पूर्णता को प्राप्त हो रहा है।

अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलाधिपति प्रो. कमलेश दत्त त्रिपाठी ने कहा कि हिंदू धर्म में अंतर्निहित एकता के सूत्रों एवं उसकी आचार संहिता को स्थापित करते हुए कहा कि हिंदू धर्म में ऋतु, व्रत, सत्य आदि धर्म के ही पर्याय हैं। हिंदू अध्ययन का यह पाठ्यक्रम इनको अद्यतन संदर्भों से जोड़ने का उपक्रम है।

भारत अध्ययन केंद्र की शताब्दी पीठाचार्य प्रो. मालिनी अवस्थी ने ‘धर्मो रक्षति रक्षित:’ को संदर्भित करते हुए विद्वान् योद्धाओं के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। प्रो. राकेश कुमार उपाध्याय ने हिंदू पाठ्यक्रम को सनातन जीवन मूल्यों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण बताया। केंद्र के समन्वयक प्रो. सदाशिव द्विवेदी ने पाठ्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान प्रो. श्रीप्रकाश पांडेय, डॉ. अमित पांडेय, डॉ. शिल्पा सिंह आदि मौजूद रहे।

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