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अब खाने के तेल के दाम होंगे सस्ते…मंजूर किए गए करोड़ों, जानें क्या है PM मोदी का मेगा प्लान

नई दिल्ली, 19 अग्सत: पिछले एक सालों में खाने के तेल के दामों में बहुत बढ़ोतरी हुई है। भारत को खाना पकाने के तेलों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए और तेल की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय मंत्र‍िमंडल ने राष्ट्रीय मिशन शुरू करने पर अपनी मुहर लगा दी है। पीएम नरेंद्र मोदी के मेगा प्लान के तहत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (18 अगस्त) को एक नई योजना, ”राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम (NMEO-OP) की घोषणा की है। इस ऑयल मिशन के लिए और तेलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए 11,040 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है।

PM मोदी ने खाने के तेल को लेकर किया था ये ऐलान

इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह नया पारिस्थितिकी तंत्र खाना पकाने के तेल के आयात पर भारत की निर्भरता को कम करेगा। पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार देश में खाद्य तेल पारिस्थितिकी तंत्र में 11,000 करोड़ रुपये निवेश करने का प्लान कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर कहा था, ”सरकार नेशनल मिशन ऑन ऑयल सीड्स और ऑयल पाम के जरिए 11,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि निवेश करेगी, ताकि किसानों को बेहतर बीज और तकनीक समेत हर संभव मदद मिल सके।

खाने के तेलों को लेकर ये है सरकार का टारगेट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाने के तेल में भारक को आत्मनिर्भर बनाने और किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (पॉम ऑयल) की घोषणा है। जिसके लिए सरकार ने 11,040 करोड़ रुपये का बजट भी दे दिया है। इस ऑयल मिशन के तहत केंद्र सरकार 2025-26 तक देश में पाम ऑयल का उत्पादन तीन गुना बढ़ाना है और इसे 11 लाख मीट्रिक तक करने का टारगेट है।

जानिए भारत में फिलहाल कहां से आता है कुगिंग ऑयल

भारत घरेलू तेल की मांग को पूरा करने के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर करता है। भारत में हर सालाना 2.4 करोड़ टन खाद्य तेल का उत्पादन होता है। भारत इस मांग को पूरा करने के लिए दुनिया के बाकी देशों से आयात करता है। भारत इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल मंगाता है। ब्राजील और अर्जेंटीना से सोया तेल, रूस और यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का आयात करता है। कुल आयात में पाम तेल की हिस्सेदारी करीब 55 फीसदी है।

भारत वनस्पति तेल का सबसे बड़ा उपभोक्ता है

फिलहाल पाम तेल दुनिया का सबसे अधिक खपत वाला वनस्पति तेल है। वहीं भारत दुनिया में वनस्पति तेल का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। भारत में उपयोग में लाए जाने वाले प्रमुख तेलों में तेलों में सरसों, सोयाबीन, मूंगफली, सूरजमुखी तिल का तेल, नाइजर बीज, कुसुम बीज, अरंडी और अलसी (प्राथमिक स्रोत) और नारियल, ताड़ का तेल, बिनौला, चावल की भूसी, विलायक निकालने वाला तेल, शामिल हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जब भारत कृषि वस्तुओं के एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभर रहा है तो हमें अपनी खाद्य तेल आवश्यकताओं के लिए आयात पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
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