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NOTES : ₹2000 का नोट क्या बंद हो जाएगा? संसद से आई यह बड़ी जानकारी

NOTES: Will the ₹ 2000 note be closed? This big information came from the Parliament

डेस्क। भारतीय जनता पार्टी के एक सदस्य ने राज्यसभा में सोमवार को कहा कि 2000 रुपए के नोट का धड़ल्ले से गलत इस्तेमाल हो रहा है. इसका इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों और गैर-कानूनी व्यापार में हो रहा है. ऐसे में सरकार को इसे सिलसिलेवार तरीके से बंद कर देना चाहिए. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के सुशील कुमार मोदी ने उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, ‘‘बाजार में गुलाबी रंग के 2,000 रुपए के नोटों का दर्शन दुर्लभ हो गया है. एटीएम से नहीं निकल रहा है और अफवाह है कि यह अब वैध नहीं रहा.’’ उन्होंने सरकार से इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की.

RBI तीन साल से नहीं छाप रहा 2000 रुपए का नोट

केंद्र सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी. इसके तहत 500 और 1,000 रुपए के नोटों को अवैध घोषित कर चलन से बाहर कर दिया गया था. सरकार ने कुछ दिनों के बाद उनके स्थान पर 500 रुपए और 2,000 रुपए के नए नोट जारी किए थे. बीजेपी सदस्य मोदी ने दावा किया कि पिछले तीन वर्ष से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2,000 रुपए के नोटों की छपाई बंद कर दी है और बड़ी संख्या में 2,000 रुपए के नकली नोट जब्त भी किए जा रहे हैं.

2000 रुपए का नोट ब्लैक में मिल रहा है

उन्होंने कहा, ‘‘बड़े पैमाने पर लोगों ने 2,000 के नोटों की जमाखोरी कर रखी है. केवल अवैध व्यापार में इसका इस्तेमाल हो रहा है. कुछ जगहों पर यह ब्लैक में भी मिल रहा है व प्रीमियम पर बिक रहा है.’’ उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों, धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण में सहित कई अपराधों में इन नोटों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है.

विकसित अर्थव्यवस्थाओं में बड़ी वैल्यु के नोट नहीं

मोदी ने कहा कि दुनिया की सभी आधुनिक अर्थव्यवस्थाओं में बड़े नोटों का प्रचलन बंद हो गया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में अधिकतम 100 डॉलर है और वहां भी 1,000 डॉलर के नोट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि चीन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ में भी नोटों के अधिकतम मूल्य 200 तक ही है. बिहार के पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि केवल पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों में 5,000 के नोट हैं जबकि इंडोनेशिया में एक लाख मूल्य तक के नोट प्रचलन में हैं.

2000 रुपए के नोट का अब मतलब नहीं

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में 2,000 के नोट के प्रचलन का अब कोई औचित्य नहीं है. अब तो सरकार डिजिटल लेनदेन को भी बढ़ावा दे रही है. इसलिए मेरा सरकार से अनुरोध है कि वह चरणबद्ध तरीके से 2,000 के नोटों को धीरे-धीरे बंद कर दिया जाना चाहिए.’’

जनता को नोट बदलवाने का मिले समय

उन्होंने मांग की कि सरकार जनता को मौका दें ताकि वे एक या दो साल में 2,000 के नोटों को दूसरे नोटों से बदल लें. उन्होंने कहा, ‘‘2,000 का नोट यानी ब्लैक मनी यानी कालाबाजरी… अगर काले धन पर रोक लगानी है तो 2,000 के नोट को बंद करना चाहिए.’’

 

 

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