NITISH CABINET : नीतीश कैबिनेट में विभागों का बंटवारा, विजय मंडल को आपदा प्रबंधन, संतोष सुमन से सूचना प्रावैधिकी वापस

NITISH CABINET: Division of departments in Nitish cabinet, disaster management to Vijay Mandal, information technology back from Santosh Suman.
पटना। बिहार में नीतीश कुमार कैबिनेट के विस्तार के बाद गुरुवार को मंत्रियों को विभागों का आवंटन कर दिया गया। इस फेरबदल में विजय मंडल को आपदा प्रबंधन विभाग सौंपा गया, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन से सूचना प्रावैधिकी विभाग वापस ले लिया गया। अब उनके पास केवल लघु जल संसाधन विभाग रहेगा।
नई जिम्मेदारियां किसके पास?
– संजय सरावगी – राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग
– विजय मंडल – आपदा प्रबंधन विभाग
– कृष्ण कुमार मंटू – सूचना प्रावैधिकी विभाग
– संतोष सुमन – केवल लघु जल संसाधन विभाग
चुनाव से पहले बड़ी योजनाओं पर फोकस
बिहार में विधानसभा चुनाव महज 8-9 महीने दूर हैं, और इस बीच नीतीश सरकार ने कैबिनेट विस्तार कर 7 नए मंत्री बनाए हैं। कैबिनेट अब फुल स्ट्रेंथ पर आ गई है, और 50,000 करोड़ से अधिक की योजनाएं जल्द धरातल पर दिख सकती हैं। इनमें दक्षिण बिहार के लिए 30,000 करोड़ की 120 योजनाएं और उत्तर बिहार के लिए 20,000 करोड़ की 187 योजनाएं पहले ही मंजूर हो चुकी हैं।
नीतीश कैबिनेट का जातीय समीकरण
बिहार में जातिगत राजनीति हमेशा से अहम मुद्दा रही है, और इस बार भी कैबिनेट विस्तार जातिगत समीकरण साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। कैबिनेट में जातीय भागीदारी कुछ इस प्रकार है:
– सवर्ण – 11 मंत्री
– पिछड़ा वर्ग (OBC) – 10 मंत्री
– अति पिछड़ा वर्ग (EBC) – 7 मंत्री
– दलित वर्ग (SC) – 5 मंत्री
– महादलित वर्ग – 2 मंत्री
– मुस्लिम समुदाय – 1 मंत्री
बिहार की जाति गणना के अनुसार, अति पिछड़ा वर्ग (EBC) की आबादी 36% है, लेकिन कैबिनेट में उनकी हिस्सेदारी सिर्फ 19% है। इसी तरह, पिछड़ा वर्ग (OBC) की आबादी 27.12% और हिस्सेदारी 28% है। वहीं, सामान्य जाति की आबादी 15.52% है, लेकिन कैबिनेट में उनकी हिस्सेदारी 31% है।
तेजस्वी का हमला, बीजेपी-नीतीश पर निशाना
राजद नेता तेजस्वी यादव लगातार जातिगत जनगणना और आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं। वह “जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी” का नारा बुलंद कर जातीय संतुलन की बात कर रहे हैं। वहीं, बीजेपी और जेडीयू ने कैबिनेट विस्तार को संतुलित जातीय प्रतिनिधित्व करार दिया है।