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निखिल चंद्राकर ने ईडी के डायरेक्टर से की असिस्टेंट डायरेक्टर की शिकायत, पत्र में लिखा- जाँच के नाम पर कर रहे प्रताड़ित, डर से कोई मुंह नहीं खोलना चाहता

रायपुर। BIG NEWS : ED के अफसरों की प्रताड़ना की शिकायत अब केंद्र सरकार तक पहुंची है। ED के अफसरों की प्रताड़ना का शिकार हुए पीड़ित निखिल चंद्राकर ने ईडी के डायरेक्टर को एक पत्र लिखा है। पत्र की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के साथ-साथ मुख्यमंत्री, डीजीपी और रायपुर एसएसपी को भी भेजी गयी है।

 

जांच के नाम पर करते है प्रताड़ित

ईडी के डायरेक्टर को भेजे पत्र में निखिल ने लिखा है कि जांच के नाम पर ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर निर्मल झरवाल प्रताड़ित करते हैं। निर्मल झरवाल की लिखित शिकायत में निखिल चंद्राकर ने कहा है कि कोयला घोटाले की जांच के नाम पर छत्तीसगढ़ के व्यापारियों, किसानों, उद्योगपतियों और आम लोगों के बीच दहशत फैलाने का काम कर रहे हैं।

 

धमकी देने के साथ वसूली का लगाया आरोप 

असिस्टेंट डायरेक्टर झरवाल पर निखिल ने धमकी देने के साथ वसूली करने का भी आरोप लगाया है। निखिल ने अपने तीन पन्नों के पत्र में अपने प्रताड़ना का भी जिक्र किया गया है।

पढ़िये पूरा पत्र …

निदेशक, प्रवर्तन निदेशालभ, नई दिल्ली

श्री निर्मल झरवाल, असिस्टेंट डायरेक्टर ई. डी. कार्यालय के विरुद्ध शिकायत |

विनम्रता पूर्वक आपको यह बताना चाहता हूं कि पिछले छः महीनों से श्री झरवाल ने कोयला घोटाले की जाँच के नाम पर छत्तीसगढ़ के व्यापारियों, किसानों उद्योगपतियों और आम नागरिकों के बीच दहशत फैलाने का काम किया जा रहा है, जिससे आपकी प्रतिष्ठित संस्था की इमेज राज्य में खराब हो रही है तथा कांग्रेस पार्टी को बिना वजह लोगों की सहानुभूति मिल रही है।

श्री झरवाल जिसको चाहे मौखिक या समन भेजकर अपने ऑफिस में बुलाते हैं और यह बोलकर धमकाते हैं कि ई.डी. को अनलिमिटेड पावर है तथा में जिसको चाहूँ उसको अरेस्ट कर सकता हूँ। जिसको मैं अरेस्ट करता हूं उसको कभी बेल भी नहीं मिल सकती। जिन लोगों का कोयले के घोटाले से कोई संबंध नहीं है उनको भी बेवजह परेशान किया जा रहा है। गवाहों करना, को मारना पीटना, रात भर ऑफिस में बैठाना, गाली- गलीच, मुर्गा बनाना ये सब श्री झरवाल के लिए आम बात है। यह सभी बातें में अपने पर्सनल एक्सपीरियंस से बता रहा हूँ। श्री झरवाल द्वारा कई कई उद्योगपतियों से जबरिया वसूली, की चर्चा आम है। ई.डी. के डर से कोई मुंह नहीं खोलना चाहता है।

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