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CG BREAKING : एक और भर्ती घोटाला बेनकाब! ननकीराम कंवर का आरोप – इस परीक्षा में जमकर हेरफेर …

CG BREAKING : Another recruitment scam exposed! Nankiram Kanwar’s allegation – There was a lot of manipulation in this exam…

रायपुर। पूर्व गृह मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भर्ती/पदोन्नति प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। कंवर ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ के वस्तु एवं सेवा कर (GST) विभाग में वर्ष 2021 और 2022 में हुई राज्य कर निरीक्षक (State Tax Inspector) पदोन्नति परीक्षाएँ “पूरी तरह भ्रष्टाचार से भरी” थीं और इनकी जांच केंद्रीय एजेंसी—ईडी जैसी—से कराई जानी चाहिए।

42 पद, 350 प्रतिभागी – व्यापमं से परीक्षा न कराकर विभाग ने खुद ली!

पत्र के अनुसार 42 पदों के लिए आयोजित दो चरणों की विभागीय परीक्षा में लगभग 350 कर्मचारियों ने भाग लिया। कर्मचारियों की मांग थी कि परीक्षा व्यापमं से कराई जाए, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने कथित रूप से परीक्षा स्वयं आयोजित की और प्रक्रिया में हेरफेर की।

‘80-100% अंक, पहले से पेपर लीक’ का आरोप

कंवर ने लिखा कि चयनित अभ्यर्थियों में कई के अंक 80 से 100 प्रतिशत के बीच हैं, जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि उन्हें प्रश्नपत्र पहले से उपलब्ध कराया गया हो सकता है। आरोप है कि विभागीय आयुक्त समीर बिश्नोई के पीए सहित कुछ प्रभावशाली लोगों से जुड़े उम्मीदवार चयनित किए गए।

उत्तर पुस्तिकाओं पर न मोहर, न हस्ताक्षर – बदलाव की आशंका

पत्र में कहा गया कि उत्तर पुस्तिकाओं पर न तो विभागीय मोहर लगी थी और न किसी अधिकारी के हस्ताक्षर—ऐसे में उत्तर बदलना आसान था। कई कर्मचारियों को पहले से शक था कि परीक्षा “फर्जी तरीके” से कराई जा रही है।

समीर बिश्नोई जेल में – परीक्षा पर भी प्रश्नचिह्न

कंवर ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि उस समय के आयुक्त समीर बिश्नोई वर्तमान में मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में जेल में हैं। उनके अनुसार यह तथ्य विभागीय परीक्षा प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

जांच व परीक्षा रद्द करने की मांग

ननकीराम कंवर ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि पूरे मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या किसी अन्य केंद्रीय जांच एजेंसी से कराई जाए। अगर अनियमितताएँ साबित हों तो चयन/पदोन्नति को रद्द कर पुनः निष्पक्ष परीक्षा आयोजित की जाए।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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