नई दिल्ली, 27 सितंबर। नागरिक आपूर्ति घोटाला केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सोमवार को इस केस में नान डायरी के पन्ने में कथित रूप से उल्लेखित सीएम सर पर भी बहस हुई। ईडी की तरफ से दलील दी गई कि पन्ने में सीएम सर का आशय चिंतामणि सर हैं।
चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित की पीठ में नान घोटाला केस में ईडी की अपील पर सुनवाई चल रही है। ईडी ने दावा किया था कि छत्तीसगढ़ में संवैधानिक पदों पर बैठे कुछ लोग घोटाले से उत्पन्न मनी लॉड्रिंग केस में कुछ आरोपियों को न्यायिक राहत सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट जज के संपर्क में थे।
जांच एजेंसी ने एक सीलबंद लिफाफे भी सौंपी है। कहा गया कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की मामले में भागीदारी रही है। एजेंसी के दावे का बचाव पक्ष ने प्रतिवाद किया, और प्रकरण से जुड़े राज्य सरकार की जांच एजेंसी की तरफ से एक सीलबंद लिफाफा कोर्ट को सौंपी गई है।
बताया गया कि नान में वर्ष-11 से 15 तक के करप्शन का जिक्र है। ईडी के वकील ने कोर्ट में आशंका जताई कि राज्य की एजेंसी की तरफ से सौंपी गई लिफाफे में एक पन्ने में नाम सीएम सर भी हो सकता है।
ईडी के वकील ने कहा कि सीएम सर का आशय चिंतामणि सर हैं। इस केस में राज्य की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने ईडी द्वारा न्यायिक राहत सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट जज के संपर्क होने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि दो जजों ने जमानत आवेदन पर सुनवाई की है। ऐसे में एक का नाम आने से दूसरा कैसे प्रभावित हो सकता है? प्रकरण पर अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी।