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नई दिल्ली। लोकसभा में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा के दौरान रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए। उन्होंने इस विधेयक को प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित व्यक्तियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला कदम बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया। श्री अग्रवाल ने कहा, “इतिहास गवाह है कि जब भी केंद्र में भाजपा और उसके सहयोगी दलों की सरकार रही है। जनता से जुड़े विषयों पर प्रभावी कदम उठाए गए हैं। यह विधेयक भी प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित परिवारों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।” उन्होंने इस विधेयक के तहत आपदा पीड़ितों के लिए डेटा बेस तैयार करने के प्रावधान को सराहा। यह डेटा बेस पुर्नवास, पुर्ननिर्माण, जन धन और अधोसंरचना में सुधार के साथ-साथ संभावित जीवन और धन हानि को रोकने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में पहले से तैयारी और आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करना समय की मांग है।
विपक्ष पर निशाना
अग्रवाल ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा, “यह विधेयक 15वें वित्त आयोग के निर्देशों के आधार पर तैयार किया गया है और इसमें राज्यों और जिलों को अधिक शक्ति दी गई है। विपक्ष द्वारा इस संशोधन विधेयक पर सवाल उठाना निराधार है।” उन्होंने बताया कि यह विधेयक मानव जनित और प्राकृतिक आपदाओं, दंगों और पहाड़ी राज्यों की विशिष्ट समस्याओं पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है। उन्होंने यह भी कहा कि गांवों और शहरों की आपदा अलग अलग होती है। शहरों में दंगे, अग्निकांड ज्यादा होते हैं और ग्रामीण इलाकों में बाढ़, ओलावृष्टि और जंगली जानवरों के चलते फसल और जनहानि होती है। इस विधेयक में सभी के बारे में चिंता की गई है।
सांसद बृजमोहन ने छत्तीसगढ़ में आपदा प्रबंधन संस्थान खोलने की मांग की
सांसद अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ में एक आपदा प्रबंधन संस्थान स्थापित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य खनिज, कोयला और लोहे के खनन के माध्यम से केंद्र को बड़ा राजस्व देता है, लेकिन हाथियों के उत्पात और नक्सलवाद जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। ऐसे में एक आपदा प्रबंधन संस्थान छत्तीसगढ़ के लोगों को राहत प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। श्री अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के आपदा पीड़ित परिवारों की ओर से इस विधेयक के लिए आभार व्यक्त किया