MONIKA KAPOOR EXTRADITION : मोनिका कपूर प्रत्यर्पित, 23 साल से फरार गोल्ड घोटाले की मास्टरमाइंड अब भारत की हिरासत में …

MONIKA KAPOOR EXTRADITION : Monica Kapoor extradited, the mastermind of the gold scam who was absconding for 23 years is now in Indian custody…
रायपुर/नई दिल्ली, 09 जुलाई 2025। MONIKA KAPOOR EXTRADITION केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को 23 साल पुराने आयात-निर्यात घोटाले में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। Monika Overseas की प्रोपराइटर और मुख्य आरोपी मोनिका कपूर को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। सीबीआई की टीम ने 9 जुलाई को न्यूयॉर्क से मोनिका को हिरासत में लिया और उसे भारत के लिए रवाना किया। बुधवार रात तक उसके दिल्ली पहुंचने की संभावना है, जहां उसे साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा।
2.36 करोड़ का ड्यूटी-फ्री गोल्ड घोटाला
CBI के मुताबिक, मोनिका कपूर और उसके दो भाई राजन खन्ना व राजीव खन्ना ने 1998 में फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए 6 रीप्लेनिशमेंट लाइसेंस हासिल किए थे। इनका इस्तेमाल कर 2.36 करोड़ रुपये का ड्यूटी-फ्री सोना आयात किया गया और बाद में ये लाइसेंस Deep Exports नामक कंपनी को बेच दिए गए, जिससे सरकार को 1.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
फरार घोषित, अब प्रत्यर्पित
CBI ने इस मामले में 31 मार्च 2004 को चार्जशीट दाखिल की थी। 2006 में मोनिका कपूर को कोर्ट ने भगोड़ा अपराधी घोषित किया था और 2010 में रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ। 13 वर्षों तक अमेरिका में कानूनी लड़ाई के बाद, आखिरकार अमेरिका की Eastern District Court of New York ने भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे सौंपने की अनुमति दी।
MONIKA KAPOOR EXTRADITION मोनिका ने प्रत्यर्पण रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र के यातना विरोधी कन्वेंशन और अमेरिकी कानूनों (FARRA) का सहारा लिया, लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्री ने उसकी दलीलों को खारिज कर दिया और प्रत्यर्पण का आदेश पारित कर दिया।
सीबीआई का बड़ा संदेश
CBI ने इस कार्रवाई को “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक अपराधियों को पकड़ने के लिए भारत की प्रतिबद्धता” करार दिया है। एजेंसी ने कहा कि यह मामला दिखाता है कि भारत की एजेंसियां सीमाओं की परवाह किए बिना आर्थिक अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने को तैयार हैं।
अगला कदम
MONIKA KAPOOR EXTRADITION अब मोनिका कपूर को दिल्ली लाकर कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां उसके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, और आपराधिक साजिश से जुड़े मुकदमे की कार्यवाही होगी। सीबीआई ने इस केस में पहले ही दो अन्य आरोपियों को दोषी ठहरवाया है।