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MONEY LAUNDERING CASE : प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा और सास को मनी लॉन्ड्रिंग केस में हाईकोर्ट से तगड़ा झटका !

MONEY LAUNDERING CASE: Priyanka Gandhi’s husband Robert Vadra and mother-in-law got a shock from the High Court in money laundering case!

जोधपुर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा को जोधपुर हाईकोर्ट से झटका लगा है। जस्टिस डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी की सिंगल बेंच ने रॉबर्ट व उनकी मां की पार्टनरशिप वाली स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी की व एक अन्य याचिका खारिज कर दी है।

हालांकि, कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी पर दो सप्ताह की रोक भी लगा दी है। पूरा मामला बीकानेर के कोलायत में कंपनी की जमीनों के खरीद-फरोख्त को लेकर है। इससे पहले बुधवार को हाईकोर्ट जस्टिस डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की सिंगल बेंच में सुनवाई पूरी हुई थी।

प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा व उनकी मां मरीन वाड्रा से जुड़े बीकानेर के कोलायत में सरकारी जमीन खरीद-फरोख्त फर्जीवाड़ा केस में राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और महेश नागर की याचिका रद्द कर दी। हालांकि कोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा की गिरफ्तारी पर अंतरिम राहत भी दी। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी पर 2 सप्ताह के लिए रोक जारी रहेगी, जिससे फैसले को अगर ऊपरी अदालत में चुनौती देना चाहे तो दे सकते हैं।

हाई कोर्ट जज पुष्पेंद्र सिंह ने वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी से कहा कि आप की दलीलों से हम संतुष्ट नहीं हैं। 2018 से चल रहे इस केस में हाईकोर्ट ने अब तक राबर्ट वाड्रा की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी थी। अब दो सप्ताह में ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिली तो वाड्रा को ईडी गिरफ्तार कर सकती है। गौरतलब है कि इस मामले में ईडी की तरफ से याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट से रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां की गिरफ्तारी पर रोक हटाने की मांग की गई थी। ईडी की दलील थी कि मामले में जांच चल रही है और उसके पास पुख्ता सबूत भी है।

कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला

इससे पहले बुधवार को सुनवाई के दौरान ईडी ने स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड और महेश नागर की 482 के प्रार्थना पत्र और इंफोर्समेंट डायरेक्टरी पेश की। कस्टोडियल परमिशन के प्रार्थना पत्र पर दोनों ही पक्षों की जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की कोर्ट में सुनवाई हुई। रॉबर्ट वाड्रा-मरीन वाड्रा और बिचौलिए महेश नागर की ओर से अदालत में वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने पक्ष रखा। वहीं, ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी और वरिष्ठ अधिवक्ता भानु प्रताप बोहरा ने अदालत में पक्ष रखा।

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी ने बताया कि मामला वर्ष 2018 का है। तब बीकानेर पुलिस ने कोलायत में सरकारी जमीन खरीद फर्जीवाड़े के मामले में एक एफआईआर दर्ज की थी। मामला दर्ज होने के बाद में केस को CBI ने टेक ओवर कर लिया था, जिसकी जांच चल रही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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