राहुल गांधी को संसद में बोलने से रोकना भाजपा का अलोकतांत्रिक चरित्र
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की केंद्र सरकार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से डरी हुई है इसीलिये संसद में राहुल गांधी को बोलने से रोकने के लिये पूरी भाजपा और केंद्र सरकार लामबंद होकर अलोकतांत्रिक आचरण पर उतर गयी है। भाजपा के आचरण और केंद्र के मंत्रियों के अतिवादी व्यवहार से साबित हो गया कि राहुल गांधी ने जो कहा था वह सच है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है। विपक्षी दल के लोगों को संसद में बोलने से रोका जाता है। राहुल गांधी के ऊपर संसद में आधा दर्जन मंत्रियों ने आरोप लगाया लेकिन देश की प्रमुख विपक्षी दल के पूर्व अध्यक्ष को उनके ऊपर लगाये गये आरोपों का जवाब देने का अवसर नहीं दिया जाता, जब वो बोलने उठते है तो माइक बंद कर दिया जाता है यह है भाजपा का फासीवादी चरित्र।
भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने के लिये राहुल गांधी यदि विदेश में सत्तारूढ़ दल के अतिवादी चरित्र के बारे में कुछ कहते है तो भाजपा को आपत्ति है लेकिन जब प्रधानमंत्री विदेश की धरती पर आधा दर्जन बार देश की आलोचना करते है तो इसमें भाजपा को देशद्रोह नजर नहीं आता है, चीन, रूस, अमेरिका हर जगह मोदी जी ने भारत के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां किया है। चीन में जाकर प्रधानमंत्री मोदी बोल चुके है कि हमने ऐसा कौन सा पाप किया था जो हम हिन्दुस्तान में पैदा हो गये। प्रधानमंत्री मोदी के इस वक्तव्य से देश का सिर नीचा नहीं हुआ था तब भाजपाईयों की बोलती क्यों बंद हो गयी थी?
मरकाम ने कहा कि मोदी अपने मित्र अडानी की घपलेबाजी से ध्यान हटाने के लिये राहुल गांधी के भाषण को आधार बना कर जनता का ध्यान भटकाना चाहते है। केंद्र सरकार अडानी के घोटाले पर संसद में चर्चा नहीं करना चाहती। घोटाले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच नहीं कराना चाहती। वह डर रही कि मामले की जांच हो गयी तो मोदी, अडानी के संयुक्त गठबंधन के पुख्ता प्रमाण सामने आ जायेंगे। कांग्रेस पार्टी तो राहुल गांधी के भाषण पर भी संसद में चर्चा की मांग कर रहे है, मोदी सरकार उसमें भी डर रही है। मोदी सरकार में सच्चाई का सामना करने का साहस नहीं है।