मोदी ने UPI पेमेंट से लेकर जल संकट तक का किया जिक्र, जानिए संबोधन की अहम बातें
नई दिल्ली। रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra) ने मन की बात कार्यक्रम के 88वें एपिसोड के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री संग्रहालय, जल संकट से लेकर डिजिटल पेमेंट तक का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानमंत्री संग्रहालय से की। पीएम मोदी ने कहा, ”बाबा साहेब अंबेडकर जी की जयंती पर प्रधानमंत्री संग्रहालय का लोकार्पण हुआ है। गुरुग्राम में रहने वाले सार्थक जी पहला मौका मिलते ही संग्रहालय देख आए। उन्होंने नमो एप पर पीएम संग्रहालय की ऐसी चीजों के बारे में लिखा है, जो उनकी जिज्ञासा को और बढ़ाने वाली थी।”पीएम मोदी ने कहा, ”पिछले कुछ सालों में BHIM UPI तेजी से हमारी अर्थव्यवस्था और आदतों का हिस्सा बन गया है। आप भी UPI की सुविधा को रोजमर्रा के जीवन में महसूस करते होंगे। इस समय हमारे देश में करीब 20 हजार करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन हर दिन हो रहे हें।”
जल से जुड़ा हर प्रयास हमारे कल से जुड़ा है। इसमें पूरे समाज की ज़िम्मेदारी होती है। इसके लिए सदियों से अलग-अलग समाज,अलग-अलग प्रयास लगातार करते आये हैं।
पानियम् परमम् लोके, जीवानाम् जीवनम् समृतम् अर्थात संसार में जल ही हर जीव के, जीवन का आधार है और जल ही सबसे बड़ा संसाधन भी है, इसलिए तो हमारे पूर्वजों ने भी जल संरक्षण पर इतना जोर दिया।
इस समय आजादी के 75वें साल में,आजादी के अमृत महोत्सव में, देश जिन संकल्पों को लेकर आगे बढ़ रहा है,उनमें जल संरक्षण भी एक है। अमृत महोत्सव के दौरान देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाए जाएंगे।
देश आजकल लगातार संसाधनों को, इंफ्रास्ट्रक्चर को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। जो दिव्यांग कलाकार हैं उनके काम को दुनिया तक पहुंचाने के लिए भी एक इनोवेटिव शुरुआत की गई है।
टेक्नोलॉजी ने एक और बड़ा काम किया है। ये काम है हमारे दिव्यांग साथियों की असाधारण क्षमताओं का लाभ देश और दुनिया को दिलाना। हमारे दिव्यांग भाई-बहन क्या कर सकते हैं ये हमने टोक्यो ओलंपिक में देखा है।
18 मई को पूरी दुनिया में International Museum day मनाया जाएगा। क्यों न आने वाली छुट्टियों में आप अपने दोस्तों की मंडली के साथ किसी स्थानीय museum को देखने जाएं। आप अपना अनुभव #MuseumMemories के साथ जरूर साझा करें।