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मेघालय के मुख्यमंत्री की छत्तीसगढ़ को नसीहत, चर्च में तोड़फोड़ रोके सरकार

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में एक गिरिजाघर पर हाल में हुए हमले की निंदा करते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने प्रदेश को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि गिरिजाघरों में तोड़-फोड़ की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और इसे तत्काल बंद किया जाना चाहिए।

बता दें कि हाल ही में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर शहर में एक कथित धर्म परिवर्तन के संबंध में आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान दो जनवरी को एक चर्च में तोड़फोड़ की गई थी और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक अधिकारी सहित छह पुलिसकर्मियों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया गया था।

मुख्यमंत्री संगमा ने कहा कि ईसाई हाशिये पर रहे हैं और राज्य सरकारों को हस्तक्षेप कर न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा ‘एक गिरिजाघर पर हमला दुर्भाग्यपूर्ण है। बर्बरता की इस तरह की हरकतें तुरंत बंद होनी चाहिए। ईसाई हाशिये पर हैं और उन्हें न्याय दिया जाना चाहिए।

मेघालय सरकार ने जिला प्रशासन और राज्य सरकारों, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में, से हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि इस तरह के अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों पर कानून के अनुसार मामला दर्ज किया जाए।

एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, इस बीच मेघालय में भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में बर्बरता की ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। भाजपा के राज्य पार्टी प्रमुख अर्नेस्ट मावरी ने कहा, ‘चर्चों पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई। ईसाइयों पर हमला कर घायल किया गया है और वहां की कांग्रेस सरकार निश्चिंत है। ऐसे अपराध सिर्फ कांग्रेस शासित राज्य में ही हो सकते हैं।’

राज्य कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिखकर दो जनवरी को चर्च पर हुए हमले के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया है। कांग्रेस नेता पीएन सईम ने कहा, ‘ये सभी आपराधिक कृत्य कांग्रेस सरकार (छत्तीसगढ़ में) को बदनाम करने के लिए किए जा रहे हैं। मेघालय में क्षेत्रीय दलों, सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी के सभी सहयोगियों ने भी चर्च पर किए गए हमले पर चिंता व्यक्त की है।

मालूम हो कि कथित धर्म परिवर्तन के विरोध में दो जनवरी को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में लगभग दो हजार लोगों ने सभा की थी। इनमें ज्यादातर आदिवासी थे। सभा में आदिवासियों के एक समूह ने कथित धर्मांतरण पर चर्चा कीबाद में एक चर्च में तोड़फोड़ की गई। इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी के दो स्थानीय नेताओ समेत कई लोगों की गिरफ्तारी की गई है।

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