
रायपुर। बेमेतरा क्षेत्र में किसान नेता के रूप में पहचान रखने वाले योगेश तिवारी आज हाई प्रोफाइल प्रदर्शन के साथ भाजपा प्रवेश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वे रावांभाठा के खुले मैदान में हजारों समर्थकों के साथ भाजपा के बड़े नेताओं की मौजूदगी में पार्टी ज्वाइन कर रहे हैं। पहले वे एक अक्टूबर को शामिल होने वाले थे फिर सात दिन टल गया। इस सात दिन के फासले को लेकर कई सारी बातें उभरकर आ रही है इसलिए कि पिछला चुनाव उन्होने बेमेतरा से निर्दलीय लड़ा और करीब 24 हजार वोट पाने में सफल रहे थे। भाजपा में शामिल होने की वजह वे भले ही पार्टी की रीति नीति से प्रभावित होना बता रहे हैं लेकिन अंदरखाने की खबर है कि उन्होने बेमेतरा भाजपा से टिकट देने की शर्त भी रखी है। जबकि डा.रमनसिंह के करीबी पूर्व विधायक अवधेश सिंह चंदेल की मजबूत दावेदारी के बीच राहुल टिकरिहा का नाम भी वहां से उछल रहा है। पहले से ही मचे घमासान के बीच यदि योगेश का प्रवेश हो रहा है तो रार और बढ़ेगा और नुकसान पार्टी को ही होना है। यदि सभी ईमानदारी से साथ हो गये तो कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है क्योकि इस बार वो लहर नहीं है जो पिछली बार रही है। लेकिन राजनीति में ईमानदारी व निष्ठा किसकी व कितनी होती है बताने की जरूरत नहीं। हां ,इतना जरूर है कि योगेश तिवारी के भाजपा में शामिल हो जाने से बेमेतरा विधानसभा में त्रिकोणीय संघर्ष की वो स्थिति नहीं रहेगी जो पिछली बार थी।
बताना जरूरी होगा कि किसी समय रायपुर में जोगी के करीबी रहे युवा तुर्क योगेश तिवारी ने जब रायपुर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़ा था तो माहौल बनाकर वे चर्चा में आ गए लेकिन चुनाव हारने के बाद उनका राजनीतिक पराभव शुरू हो गया। धीरे-धीरे उन्होने जोगी परिवार से भी किनारा कर लिया,लेकिन कोई व्यक्तिगत आक्षेप उन पर कभी नहीं लगाया। फिर वे रायपुर छोड़ कर अपने गृह ग्राम नेवनारा चंडी आश्रम चले गए,पिछला चुनाव हारने के बाद भी जनहित के मुद्दों को लेकर वे लड़ते रहे,पिछले दिनों वहां स्थापित हो रहे सारडा एनर्जी के पावर प्लांट को लेकर भी विरोध काफी प्रभावी रहा। लेकिन मजे की बात ये है कि इस पूरे एपिसोड में बेमेतरा भाजपा व कांग्रेस के नेता चुप्पी साधे हुए हैं।