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Manipur Violence: NIA ने शुरू की मणिपुर में हिंसा से जुड़े इन तीन मामलों की जांच, अमित शाह ने कड़ी कार्रवाई का दिया आदेश

Manipur Violence: नई दिल्ली। मणिपुर में ताजा हिंसक विरोध प्रदशर्नों (Manipur Violence) की वजह बने तीन आतंकी हमलों की जांच एनआईए ने शुरू (NIA Investigation) कर दी है। इन मामलों में सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमला, आतंकियों द्वारा तीन महिलाओं व तीन बच्चों की हत्या और एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार व हत्या के मामले शामिल हैं।

पांच जिलों में लागू करना पड़ा था अफस्पा

इन आतंकी हमलों के बाद पूरे मणिपुर में हिंसक प्रर्दशन शुरु हो गए थे, जिससे निपटने के लिए केंद्र सरकार को सात हजार अतिरिक्त केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भेजने के साथ ही पांच जिलों में अफस्पा (आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट) भी लागू करना पड़ा था।

घटनास्थल का दौरा कर चुकी एनआईए टीम

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इन मामलों की एनआईए से निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का एलान किया था। मंगलवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, 13 नवंबर को इन मामलों में एफआईआर दर्ज की ली थी और 21-22 नवंबर को एनआईए टीम घटनास्थल का दौरा भी कर चुकी है। इसके साथ इन मामलों से जुड़े दस्तावेज लेने का काम चल रहा है।

पहला मामला: सात नवंबर को आतंकियों द्वारा 31 वर्षीय महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का है। तीन बच्चों की मां को आतंकियों ने दुष्कर्म के बाद जिंदा जला दिया था।

दूसरा मामला: 11 नवंबर को सीआरपीएफ के कैंप पर आतंकी हमले का है। गोलीबारी में एक जवान घायल हो गया था और बाद में तलाशी में आठ आतंकियों के शव के साथ-साथ बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किये गए थे।

तीसरा मामला: आतंकियों द्वारा पुलिस थाने पर फायरिंग और घरों में आग लगाने से संबंधित है, जिसमें दो लोग झुलसकर मर गए थे। बाद में आतंकियों द्वारा अगवा किए गए तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव बरामद हुए थे।

मणिपुर में महिलाओं ने निकाली विरोध रैली

बता दें कि मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले में कर्फ्यूआदेश को गलत बताते हुए हजारों महिलाओं ने सोमवार को अफस्पा के विरोध में रैली निकाली। वे राज्य से सशस्त्र बल विशेष अधिनियम (अफस्पा) 1958 को हटाने की मांग कर रही हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में राज्य के छह थाना क्षेत्रों में अफस्पा लागू किया है।
कोंग्बा बाजार से शुरू हुई महिलाओं की रैली को मुख्यमंत्री सचिवालय से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर सुरक्षा बल के दस्ते ने रोक लिया। यहां से प्रदर्शनकारी महिलाएं सभा करने के लिए कोंग्बा लौट गईं। इसी जिले में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट (पांबेई गुट) के दो सक्रिय सदस्यों को फिरौती में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

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