MANIPUR CASE : मणिपुर महिलाओं से अभद्रता मामले पर पीएम की प्रतिक्रिया, नारी के सम्मान के लिए राजनीति से ऊपर उठकर काम करें

MANIPUR CASE: PM’s reaction on Manipur women’s indecency case, work above politics for the honor of women
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने मॉनसून सत्र शुरू होने के पहले दिन गुरुवार को संसद पहुंचकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
पीएम मोदी ने कहा, ”मणिपुर की घटना से मेरा हृदय दुख से भरा है. ये घटना शर्मसार करने वाली है. पाप करने वाले कितने हैं, कौन हैं वो अपनी जगह है, पर बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है. मैं मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि वो मां-बहनों की रक्षा के लिए कदम उठाएं.”
राजस्थान, छत्तीसगढ़, मणिपुर का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”घटना चाहे किसी भी राज्य की हो, सरकार चाहे किसी की भी हो, नारी के सम्मान के लिए राजनीति से ऊपर उठकर काम करें.”
पीएम मोदी ने कहा, ”मैं देशवासियों को यकीन दिलाना चाहता हूं कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा. मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है उसे कभी माफ नहीं किया जाएगा.”
मणिपुर में लगभग हिंसा तीन महीनों से जारी है.
इस बीच बुधवार रात से सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने लोगों का ध्यान फिर मणिपुर की ओर खींचा.
इस वीडियो में देखा जा सकता है कि मणिपुर में पुरुषों की एक भीड़ दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके सड़क पर दौड़ाते दिख रहे हैं.
मणिपुर पुलिस ने बताया है कि इस मामले में यौन उत्पीड़न का केस दर्ज कर लिया गया है, जांच जारी है और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा.
इस मामले में कांग्रेस पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठा रही थी और सरकार की आलोचना कर रही थी.
गुरुवार से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है.
पीएम मोदी ने क्या कुछ कहा?
मॉनसून सत्र में आप सबका स्वागत. सावन का पवित्र मास चल रहा है. इस बार तो डबल सावन है. सावन का महीना पवित्र कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है.
पीएम मोदी ने मीडिया से बात करते हुए उन बिलों का ज़िक्र किया, जो संसद में इस मॉनसून सत्र में पेश किए जाने हैं.
मुझे उम्मीद है कि सब इस समय का उपयोग करेंगे.
संसद में हर सांसद की जो जिम्मेदारी है, जो बिल हैं उसकी चर्चा करना अनिवार्य है.
चर्चा जितनी ज्यादा पैनी होती है, उतना जनहित में दूरगामी परिणाम देने वाली होती है.
संसद में हमारे जो सांसद आते हैं वो संसद से जुड़े होते हैं. जनता के दुख दर्द समझने वाले होते हैं. ऐसे में जब चर्चा होती है तो ज़ड़ों से जुड़े विचार आते हैं.
इस सत्र में लाए जा रहे बिल जनता से जुड़े हुए हैं.
परंपरा रही है कि जब विवाद हो तो संवाद से सुलझाया जाएगा.