Mahasamund News : महासमुंद के मॉडल स्कूल स्वामी आत्मानंद स्कूल में 50 प्रतिशत विद्यार्थी हुए फैल
Mahasamund News : महासमुंद (Mahasamund)के मॉडल स्कूल स्वामी आत्मानंद स्कूल (Model School Swami Atmanand School)में 9वीं और 11वीं कक्षा के 50 प्रतिशत बच्चे फेल हो गये हैं। पूरे प्रदेश में मॉडल स्कूल (Model School )के रूप में देखे जाने वाले इस स्कूल में 50 प्रतिशत बच्चों के फेल हो जाने से बच्चों की पढा़ई किस तरह से हुई है यह सामने आ गया है। बच्चों के फेल होने के बाद से पालकों के बीच में हडक़म्प मचा हुआ है। छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh)ने सरकारी स्कूल(government school)में बच्चों को अंग्रेजी की शिक्षा देने के लिए पूरे प्रदेश में स्वामी आत्मानंद स्कूल (Swami Atmanand School)की शुरूआत की है लेकिन प्रारंभिक दौर में ही कमियां और खामियां नजर आने लगी है। स्वामी आत्मनंद के शिक्षकों का कहना है कि जिन बच्चों ने मेहनत नहीं किया वह बच्चे फैल हुए है और जिन्होंने मेहनत की वह पास हो गये हैं। वहीं पालकों का कहना है कि जब बच्चे इतने कमजोर थे तो साल भर शिक्षक (teacher)क्या कर रहे थे। इस दिशा में प्रयास क्यों नहीं किया गया।
स्वामी आत्मानंद स्कूल के 9वीं और 11वीं के बच्चों के इतने बड़े तादात में फ़ैल होने से सरकार द्वारा चलाई जाने वाली शिक्षा योजना की पोल खुल गई है। बेस लाईन सर्वे के अनुसार 35 प्रतिशत बच्चे उस योग्य नहीं है जिस योग्य उन्हें होने चाहिए। जो विद्यार्थी 11 क्लास में है उनकी आई क्यू लेबल 8 कक्षा के बच्चों के बराबर है। सर्वे के मुताबिक ही देखा जाय तो वर्तमान समय में जो शिक्षा दी जा रही है वह काफी नहीं है। अब तक इंवेस्टीगेशन में जो सामने तथ्य निकल कर आ रहे हैं वह यह है कि जो शिक्षक अंग्रेजी माध्यम में पढ़ा रहे हैं उन्हें ट्रेनिंग की आवश्यकता है। वहीं जो बच्चे के बौध्दिक स्तर को देखे बिना हर वर्ष पास करने की जो परंपरा बना दी गई है वहीं इस शिक्षा स्तर के लिये जिम्मेदार माने जा रहे हैं।स्वामी आत्मनंद स्कूल में जब बच्चों की भर्ती लाट्री सिस्टम से किया जा रहा है। स्कूल में बच्चों को भर्ती करने से पहले उनकी बौध्दिक क्षमता की परख नहीं की जा रही है। इसके अलावा जो शिक्षक स्वामी आत्मनंद स्कूल में शिक्षक है उसमें ज्यादातर लोग हिन्दी माध्यम में पढ़ाई किये हुए है। इसके अलावा शिक्षकों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाई कराने के लिए पर्याप्त ट्रेनिंग नहीं दी गई है।